अमरावती/प्रतिनिधि दि.२९ – विगत जुलाई माह में अतिवृष्टि की वजह से हुए नुकसान का मुआवजा देने हेतु अमरावती जिले के लिए बजट वितरण प्रणाली के अंतर्गत 4 करोड 71 लाख 98 हजार रूपये की निधी वितरित की गई है. साथ ही शेष निधी भी जल्द ही उपलब्ध करायी जायेगी और किसी भी आपदा प्रभावित व्यक्ति को सहायता राशि से वंचित नहीं रहने दिया जायेगा. इस आशय की जानकारी राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर द्वारा दी गई. पालकमंत्री ठाकुर ने बताया कि, अतिवृष्टि व बाढ के चलते जिन घरों, झोपडियों, जानवरों के कोठों, दुकानदारों, टपरीधारकों, कुक्कुट पालन शेड व कृषि भुमि का नुकसान हुआ है, उन नुकसान प्रभावितों को सहायता का वितरण करने हेतु राज्य आपत्ति प्रतिसाद निधी व राज्य सरकार की निधी के जरिये सहायता वितरित की गई है. उन्होंने खुद अतिवृष्टि के बाद आपदा प्रभावित विभिन्न गांवों का दौरा करते हुए पंचनामे की प्रक्रिया को लेकर गतिमान कार्रवाई करने के आदेश दिये थे. साथ ही इसे लेकर सरकार के समक्ष आवश्यक प्रयास भी किये थे. साथ ही उन्होंने सभी आपदा प्रभावित किसानों व नागरिकों को आश्वस्त भी किया था कि, राज्य की महाविकास आघाडी सरकार संकट के समय में उनके साथ खडी है और किसी भी आपदा प्रभावित को सहायता से वंचित नहीं रखा जायेगा. इसके अलावा पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने सख्त और स्पष्ट रूप से कहा था कि, यदि कोई भी किसान सरकारी सहायता से वंचित रहता है, तो इसके लिए संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार माना जायेगा और उनके खिलाफ कडी कार्रवाई भी की जायेगी.
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जिलाधीश द्वारा तहसीलों को निधी वितरण का आदेश जारी
जिला प्रशासन द्वारा राहत निधी का तहसील निहाय वितरण किया गया है. जिसे लेकर जिलाधीश पवनीत कौर द्वारा सभी तहसीलदारों को आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि, सभी संबंधितों द्वारा निधी वितरण का कार्य तेज गति के साथ किया जाये और निधी वितरण करने के बाद रकम प्राप्त करनेवाले लाभार्थियों की सूची रकम की जानकारी सहित जिलाधीश कार्यालय की वेबसाईट पर प्रकाशित की जाये. साथ ही कहा गया है कि, प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त घर, मृत जानवर, पूर्णत: व अंशत: नुकसान होनेवाले कच्चे व पक्के मकान, जानवरों के तबेले व खेत जमीन के नुकसान हेतु अनुदान दिया जा रहा है. ऐसे में निधी वितरण करते समय तकनीकी त्रृटियों को टाला जाना चाहिए और बैंकों द्वारा भी इन सब बातों की ओर पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. सभी तहसीलों में आपदा प्रभावितों को समय पर सहायता प्राप्त होनी चाहिए और इससे संबंधित रिपोर्ट भी जल्द से जल्द पेश की जानी चाहिए.