अमरावती/दि.१४ – अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति में विकास कार्य के लिए १८ करोड रुपए के लिए अटकी प्रशासकीय मान्यता का मार्ग सुकर हो गया है. जिसके कारण डेढ वर्षों से लंबित १८ करोड की निविदा प्रक्रिया दोबारा शुरु हो गई है. प्रस्तावित निधि में पूराने कॉटन मार्केट स्थित सब्जी मंडी का कांक्रीटीकरण, विलास नगर स्थित न्यू कॉटन मार्केट में अनाज मंडी का क्रांकीटीकरण, शिराला का मार्केट, अनाज मंडी को वाल कंपाउंड समेत अन्य कामों का समावेश है.
६ माह के एक्सटेंशन से राहत
कोरोना के चलते राज्य सरकार ने अमरावती कृषि उत्पन्न समिति के संचालक मंडल को अगले ६ माह का ए्नसटेंशन दिया है. जिससे प्रलंबित १८ करोड रुपये के विकास कार्यों के लिये भी शासन से हरी झंडी मिली है. लेकिन संचालक मंडल में ही इस बात को लेकर चर्चा है कि, कोरोना के संकट काल में शासन की तिजोरी में ढनढनाहट के बाद भी अमरावती कृषि उपज मंत्री में १८ करोड रुपये के विकास कार्यों की मंजूरी कैसे दी गई.
३ लाख में बना टाइलेट
अमरावती कृषि उपज बाजारी समिति ने बडनेरा जूनी बस्ती स्थित बैल बाजार में २ वर्ष पूर्व लगभग ३ लाख रुपये की लागत से टाइलेट का निर्माण किया. टीन के शेड वाले इस टाइलेट पर लगभग ३ लाख रुपए कैसे खर्च हुए. इस बात की पहेली आज तक नहीं सुलझी है. उसमें अब १८ करोड रुपए की लागत से विकास कार्य होने हैं. उल्लेखनीय है कि, केंद्र सरकार पुरस्कृत स्वच्छ भारत अभियान में नागरिकों को शौचालय बनाने के लिये मात्र १७ हजार रुपये दिये जा रहे है. जबकि अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति ने केवल टाइलेट ही लगभग ३ लाख रुपये में बनाया.