अमरावती

समाजकल्याण विभाग को मिला 2 करोड 12 लाख का निधि

तहसील स्तर पर विस्तार अधिकारी ही न रहने से निधि अखर्चित रहने की संभावना

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१७ – मध्यवर्गीय क्षेत्र के विकास कामों के लिए सरकार की ओर से जिप समाजकल्याण विभाग को 2 करोड 12 लाख रुपए का निधि प्राप्त हुआ है. यह निधि 2 वर्ष खर्च करने के लिए है. इस निधि से पिछडा वर्गियों को टीन पत्र, पाईप, साइकिल, पेट्रोल पंप सेट, समाज मंदिर की दुरुस्ती, शिलाई मशीन, खेती उपयोगी साहित्य व फर्निचर साहित्य इसके लिए खर्च करना है. किंतु स्वतंत्र विस्तार अधिकारी ही न रहने से यह निधि अखर्चित रहने की संभावना पदाधिकारियों ने व्यक्त की है.
सरकार की ओर से जिला परिषद को करोडा रुपए का निधि दिया जाता है. उसमें समाजकल्याण विभाग को बडी मात्रा में विकास काम के लिए निधि की व्यवस्था कर दी जाती है. वर्ष 2020-21 इस वर्ष के लिए सरकार ने पूरे 2 करोड 12 लाख रुपए का निधि दिया है. उनमें से 1 करोड 18 लाख रुपए खर्च किये गए है. इसमें पिछडा वर्गीय लाभार्थियों को टीन पत्रे, पाईप, साइकिल, डीजल, पेट्रोल पंप सेट, समाज मंदिर, शिलाई मशीन, खेती उपयोगी साहित्य, पुस्तकालय, फर्निचर साहित्य आदि का समावेश है. हर तहसील में विस्तार अधिकारी का पद न रहने से तहसील स्तर पर काम करते समय बाधा निर्माण हो रही है. जिससे अधिकांश निधि अखर्चित रहने की संभावना पदाधिकारियों ने व्यक्त की है. कल समाज कल्याण समिति की बैठक में पूर्ण समय स्वतंत्र विस्तार अधिकारी देना चाहिए, इस तरह का प्रस्ताव सभापित दयाराम काले ने देते हुए वह सरकार के पास भेजने की सूचना अधिकारियों को दी है. जिले में पिछले वर्ष दलित बस्ती के काम में अधिकारियों की उदासिनता के चलते निधि वापस गया है, इसे जिम्मेदार कौन, इस तरह का प्रश्न भी सदस्यों ने अधिकारियों को सभागृह में किया. हर जिप सर्कल में काम करते समय तहसील स्तर के अधिकारी जिप सदस्यों को विश्वास में नहीं लेते और किसी प्रकार की जानकारी नहीं देते, पैसा मात्र जिला परिषद का रहते समय ग्रामपंचायत सर्कल के सचिव इसका श्रेय लेकर जिप सदस्यों को वंचित रखते है. इस तरह का आरोप जिप सदस्य प्रताप अभ्यंकर, शरद मोहोड, गजानन राठोड ने किया. उसपर सभापति ने जिप सर्कल के कोई भी काम सदस्यों को विश्वास में लेकर करे, ऐसे स्पष्ट आदेश दिये है. अगर सदस्यों ने जानबुझकर सदस्यों को नकारा तो उनपर कार्रवाई की जाएगी, इस तरह की चेतावनी भी उन्होंने सभागृह में दिया है. समाजकल्याण समिति की सभा में सभापति दयाराम काले, समाजकल्याण अधिकारी, समिति सदस्य प्रताप अभ्यंकर, शरद मोहोड, गजानन राठोड, सीमा स्वर्गे, रंजना गवई, अनिता अडमाने, सुनंदा काकड आदि उपस्थित थे.

  • पं.स. स्तर के अधिकारियों की मनमानी

सरकार ने पिछडा वर्गीय क्षेत्र में विकास काम करने के लिए करोडों रुपये का निधि दिया है. वह निधि जिला परिषद का है और तहसील स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र का विकास करने के लिए दिया गया है. इसमें ग्रामीण क्षेत्र के काम किये जा रहे है. निधि यह जिला परिषद का रहते समय जिला परिषद सदस्यों को विश्वास में लेना जरुरी है. किंतु सरपंच, ग्रामसेवक व गटविकास अधिकारी मिलीभगत कर जिप सदस्य को नकारते है.
– प्रताप अभ्यंकर, सदस्य

  • दलितबस्ती के कामों की जांच होंगी

सरकार की ओर से दलित बस्ती के लिए करोडों रुपयों का निधि उपलब्ध हुआ है. जिले में अधिकांश काम शुरु है. किंतु अनेकों काम में अनियमितता होने की शिकायतें प्राप्त हो रही है. जिससे दलित बस्ती के कामों की जांच की जाएगी. जांच के दौरान बोगस काम पाये गए तो संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी.
– दयाराम काले, समाजकल्याण सभापति

  • 13 वने के लिए 1 करोड 41 लाख का निधि

13 वने इस हेड के तहत सरकार की ओर से 1 करोड 41 लाख 96 हजार रुपए निधि उपलब्ध कर दिया गया है. उनमें से 76 लाख 54 हजार का निधि खर्च किया गया है. इस निधि में वन क्षेत्र के सडकों के काम, औषधि कंपाउंड व स्ट्रीट लाइट लगाए गए है. शेष रहने वाले निधि से आदिवासी क्षेत्र के काम किये जाएंगे, ऐसी जानकारी समाजकल्याण अधिकारी ने दी ह

Related Articles

Back to top button