अमरावती

कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार हो रहे अमरावती में

अस्थियां लेने भी नही आ रहे परिजन 

परतवाड़ा/ दि. ३ – कोरोना के कारण जहां जीते जी अकेले रहना मजबूरी हो गई है वही मरने के बाद अपनो का कंधा भी नसीब नहीं हो रहा है. कोरोना का भय इतना कि, यदि परिवार का कोई सदस्य कोरोना के कारण दुनिया से विदा होता है तो सिवाय उसके अंतिम दर्शन के कुछ भी नही किया जा सकता.पूरे अमरावती जिले में, लगभग सभी जगह हालात एक से है.अमरावती जिला मुख्यालय पर परिजनों को अंतिम दर्शन का मौका तो मिल रहा है लेकिन न तो वे अंतिम संस्कार में शामिल हो पा रहे है और न ही उन्हें अस्थियां नसीब हो रही है.
   यदि किसी व्यक्ति की संक्रमण के चलते मौत हो गई  तो पीपीई किट पहनकर ही परिजन उसका अंतिम दर्शन कर सकते है. दाह संस्कार के बाद अस्थियां भी परिजनों को नही दी जा रही.इन अस्थियों को श्मशान भूमि परिसर में बने कुंड में ही विसर्जित किया जा रहा है.अंतिम संस्कार भी मनपा अथवा आरोग्य विभाग से जुड़े कर्मचारी ही कर रहे है.परतवाड़ा-अचलपुर जुड़वाशहर में अभी तक किसी भी संक्रमित का अंतिम संस्कार न किये जाने की जानकारी है.
हिंदू समाज मे क्रियाकर्म को काफी महत्व हैलेकिन कोरोना किसी को यह मौका नहीं दे रहा है.कोरोना संक्रमित की मृत्यु के बाद शव  डिस्पोजल बैग में रखकर मनपा प्रशासन को सौपे जा रहे है.अधिकांश मामलों में जिसकी मृत्यु होती है, उसके परिजन भी संक्रमण के चलते अस्पताल में होने से अंतिम दर्शन तक उन्हें नसीब नही हो रहे. यदि कोई अंतिम दर्शन करना ही चाहता है तो उसे पीपीई किट से लैस होने के बाद ही अंतिम संस्कार की अनुमति मिल पा रही है. मनपा का आरोग्य विभाग ही फिलहाल सभी अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उठा रहा है.मुस्लिम, बोहरा, ईसाई समुदाय में यदि किसी की कोरोना से जान जाती है तो उन्हें उनके समाज के कब्रिस्तान में दफनाया जा रहा.
-नगर पालिका अचलपुर में अंतिम संस्कार के कोई प्रबंध नही-:
 अचलपुर-परतवाड़ा के डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में अभी तक किसी संक्रमित की मृत्यु होने की खबर नही है, किंतु यदि भविष्य में किसी कोरोना संक्रमित की नगर पालिका अधिकार क्षेत्र में मौत हो जाती है तो नपा प्रशासन ने उस आपातकालीन स्थिति से निपटने हेतु कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं कर रखे है. यह सिर्फ अचलपुर  की बात ही नही अपितु तहसील स्तर पर किसी भी जगह कोरोना संक्रमित अंतिम संस्कार के योग्य प्रबंध की जानकारी नही है.यह भयावह स्थिति है.नगर पालिका अचलपुर के सारे कोरोना नोडल ऑफिसर हाथ पर हाथ धरे बैठे है.

फ़ोन नो रिप्लाई हुआ 

प्रस्तुत प्रतिनिधि ने शनिवार को कोरोना मामले में पदस्थ अभियंता किरण अलकरी और अरविंद गोठवाल सुबह 11.45 बजे फ़ोन कर बात करनी चाही, किंतु मोबाइल पर कोई प्रतिसाद नही दिया गया.

अंतिम संस्कार की जवाबदारी नपा की

उपजिला अस्पताल और डेडिकेटेड कोविड से जुड़े जिम्मेदार डॉक्टरों के अनुसार अस्पताल प्रबंधन के पास उपचार करने और दवाखाने के भीतर की हर जरूरत के प्रबंध है , अंतिम संस्कार यह नपा की जवाबदारी है, किसी भी इमरजेंसी में नपा को ही यह कार्य करना होंगा.
 जुड़वाशहर के अधिकांश लोगों की संक्रमित से मृत्यु अमरावती में ही होने के कारण जिन लोगो ने भी यह विपदा , त्रासदी को भोगा है वे लोग ही बता सकते है कि उनके दिल की भावनाओ पर किस प्रकार वज्रपात होता है जब बगैर हाथ लगाए उनका प्रियजन विदा कर दिया जाता.इसलिए सतर्कता ही एकमात्र उपाय है. अमरावती मुख्यालय पर मृतकों का दाह  संस्कार विद्युत शव दाहिनी में भी किया जा रहा है.
  अचलपुर-परतवाड़ा में दिन-ब-दिन संक्रमितों की मौत का आंकड़ा बढ़ने से तहसील स्वास्थ्य प्रशासन की चिंता भी बढ़ गई है.तहसील में ‘ मेरा परिवार-मेरी जिम्मेदारी’ अभियान भी चलाया जा रहा है.जिसमे 25 फीसदी सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है.आनेवाले दिनों में संक्रमण की गति कम होने की उम्मीद है.

 अस्थियों को करना पड़ रहा इंतजार

नागरिको में कोरोना का भय इतना है कि अनेक लोग अपनो के अंतिम संस्कार करने से कतरा  रहे.ऐसे लोगो का अंतिम संस्कार मनपा अमरावती द्वारा किया जा रहा है.लोग अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां तक लेने नही आ रहे है.मोक्षधाम में अस्थियां अपनो का इंतजार कर रही है.

सामाजिक परंपरा हुई दरकिनार

कोरोना महामारी में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की सामाजिक परंपराओं को दरकिनार कर जिला प्रशासन की ओर से मृत मरीजो का विधिवत अंतिम संस्कार किया जा रहा.सभी स्वास्थ्य संबंधी उपायों तथा आवश्यक सावधानी बरतते हुए अंतिम संस्कार किये जा रहे है.एक जानकारी के अनुसार अभी तक संपूर्ण जिले 270 कोरोना मरीजो की मौत हो चुकी है.अब तक  किसी भी कोरोना मरीज का शव परिवार को सौपा नही गया है.बल्कि सभी स्वास्थ्य संबंधी उपाययोजना के साथ परिवार के चंद सदस्यों को अंतिम दर्शन की अनुमति के साथ संस्कार किये जा रहे.परिवार के सिर्फ पांच लोगों को ही अंतिम संस्कार स्थल पर मौजूद रहने की अनुमति प्रदान की जा रही है.इस समय सभी सदस्यो को सुरक्षा मानकों का पालन करना होता है.
 स्थानीय अचलपुर डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के डॉ जाकिर के अनुसार कोरोना का विषाणु अत्यंत सूक्ष्म और तीव्र गति लिए होता है.यही वजह है कि अमरावती मुख्यालय में मृतक का शव व अंतिम संस्कार कड़े नियमो के बीच सम्पन्न करवाया जा रहा है.इस व्यवस्था को लेकर कोई भी व्यक्ति शंका-कुशंका ना करे तो बेहतर होंगा.मरीज के शव को प्लास्टिक में लपेटकर देना, पीपीई किट धारण कर ही अंतिम संस्कार करना आदि नियम सिर्फ जीवित लोगो की सुरक्षा के लिए अपनाएं जा रहे.

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