अमरावती/दि.23- विगत एक सप्ताह से लगातार चल रही बारिश की वजह से जहां पूरे सप्ताह आम जन-जीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त रहा, वही गुरूवार व शुक्रवार को मौसम खुला रहने के चलते आम लोगों ने काफी हद तक राहत महसूस की थी. लेकिन इसके बाद शुक्रवार की रात एक बार फिर झमाझम बारिश का दौर शुरू हुआ, जो पूरी रात चलता रहा और शनिवार की सुबह एक बार फिर भीगी-भीगी रही. जिसके चलते जन-जीवन कुछ हद तक प्रभावित होता नजर आया.
उल्लेखनीय है कि, विगत करीब 15 दिनों के दौरान दस दिनों तक झमाझम और मूसलाधार बारिश का दौर चलता रहा. जिसकी वजह से सभी नदी-नालों में पानी का तेज उफान रहा और बांधों के लबालब भर जाने के चलते जिले के सबसे बडे बांध अप्पर वर्धा प्रकल्प सहित चारों मध्यम प्रकल्पों से बडे पैमाने पर जलनिकासी करनी शुरू की गई. जिससे जिले के अधिकांश इलाकों में बाढवाली स्थिति बन गई और बडे पैमाने पर जनहानि होने के साथ ही वित्तीय नुकसान भी हुआ. इसके बाद बारिश का दौर थोडा कम होने के बाद हालात थोडे नियंत्रित होते नजर आये और गुरूवार व शुक्रवार को पूरा दिन मौसम खुला रहा. जिससे लोगों ने काफी हद तक राहत महसूस की. लेकिन यह राहत महज 36 घंटों की ही रही और शुक्रवार की शाम 6-7 बजे के आसपास एक बार फिर बारिश की फुहारें पडनी शुरू हो गई. जिसका जोर धीरे-धीरे बढता चला गया और रात होते-होते झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया, जो पूरी रात चलता रहा. शनिवार की सुबह भी शहर सहित जिले में चारों ओर पानी बरसता रहा. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि, यदि बारिश ने एक बार फिर जोर पकडा, तो पहले से लबालब भरे बांधों में दुबारा जलस्तर बढकर जलनिकासी करने की नौबत आ सकती है. जिससे एक बार फिर बाढ सदृश्य स्थिति बन सकती है.
ज्ञात रहे कि, विगत दिनों इस मूसलाधार बारिश और इस वजह से आयी बाढ के चलते खेती-किसानी का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ था और फसलों की अच्छी-खासी बर्बादी भी हुई थी. कई स्थानों पर तो खेतों में बाढ का पानी जा घुसा और उपजाउ मिट्टी बह गई. ऐसे में जिले के अधिकांश इलाकों में दुबारा बुआई का संकट मंडराता कहा जा सकता है. वहीं अब यदि एक बार फिर मूसलाधार बारिश का दौर शुरू होता है, तो इससे खरीफ फसलों के पूरी तरह से बर्बाद होने का खतरा पैदा हो सकता है.