* क्रिमिलेयर की शर्त ने भी किया बखेडा
अमरावती/दि.15– पुलिस भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र शुरु होने वाली हैं, ऐसे में उम्मीदवार मेहनत कर अपने को तैयार कर रहे हैं. किंतु इस बार पुलिस भर्ती में उम्मीदवार को एक ही जिले से आवेदन की कडी शर्त रखी गई हैं. इससे उम्मीदवार न केवल निराश हो गए हैं, अपितु उनमें गुस्सा भी नजर आ रहा हैं. विद्यार्थियों का दावा है कि, 2 जिले से आवेदन करने वाले विद्यार्थी का आवेदन का खर्च ही जाएगा. सरकार को उसमें रोक नहीं लगानी चाहिए. उम्मीदवारों का एक प्रतिनिधि मंडल गत दिनों गृह विभाग संभाल रहे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मिला, किंतु अब तक उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला हैं.
* 18 हजार सीटों की भर्ती
पुलिस सिपाही के 18 हजार पदों हेतु भर्ती प्रक्रिया शुरु हुई हैं. विभिन्न जिलों में वहां के पुलिस प्रमुख की देखरेख में प्रक्रिया हो रही हैं. शहर और ग्रामीण अलग-अलग भर्ती रखी गई हैं ऐसे ही लौहमार्ग पुलिस की अलग से भर्ती होने वाली हैं. जिससे एक कडी शर्त विद्यार्थियों हेतु फांस बनी हैं. इस शर्त के अनुसार उम्मीदवार किसी भी एक जिले में आवेदन कर सकता हैं. इस शर्त को पुलिस बनने के इच्छूक हजारों उम्मीदवारों पर अन्याय बताया जा रहा हैं.
* गुस्से में छात्र, फडणवीस से मिले
विद्यार्थियों में पुलिस भर्ती को लेकर बडी उत्कंठा देखी गई. वे अनेक माह से पुलिस भर्ती की प्रतीक्षा कर रहे थे. अब सरकार की शर्त के कारण उनमें असंतोष पनपने का समाचार हैं, अब तक उम्मीदवार का एक जिले में चयन न होने पर वह दूसरे जिले के लिए आवेदन कर सकता था. मगर अब पोर्टल पर एक ही आवेदन स्वीकार किया जा रहा हैं. जिससे उम्मीदवार नाराज हो गए हैं, उन्होंने नागपुर में देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर निवेदन दिया. सरकार के निर्णय का निषेध व्यक्त किया. उनकी मांग है कि, सरकार उक्त अन्यायकार शर्त रद्द कर दें.
* 3 वर्षो से तैयारी
पुलिस भर्ती के लिए गत 3 वर्षो से तैयारी करने की जानकारी रोशन ने दी. उन्होंने बताया कि, शारीरिक जांच में किसी भी कारण से डिबार होने की आशंका रखी हैं. कभी रनिंग में एक पाइंट से अवसर चला जाता हैैं, कभी गोला फेंक में गलती हो जाती हैं. ऐसे में दोबारा तैयारी कर दूसरे जिले से प्रयत्न होकर सफलता मिलने की आशा होती हैं. अब तो सरकार की शर्त से लगता है कि, दूसरी भर्ती हेतु इंतजार करना पडेगा.
स्पर्धा परीक्षा के एक मार्गदर्शक नीतेश कराले ने कहा कि, उम्मीदवार एक जगह चूंक गया तो दूसरे जिले से प्रयत्न करता हैं, अब उसे प्रतीक्षा करने के अलावा चारा नहीं. इस दौरान समय सीमा बीत जाने का डर हैं. आवेदन करने वाले उम्मीदवार को अवसर मिलना चाहिए. सरकार का इसमें कोई नुकसान नहीं हैं.