अमरावती

चिखलदरा की जंगल सफारी बंद से व्यावसायिकों में रोष

वन अधिकारियों को सौंपा निवेदन

* जिप्सी चालक संगठन पर भूकमरी की नौबत
चिखलदरा/दि.6 – चिखलदरा की जंगल सफारी निजी वाहनों के लिए बंद कर दी गई. जिससे चिखलदरा में अनेक व्यावसायिकों पर भूकमरी की नौबत आ गई है. अमरावती जिले के चिखलदरा को विदर्भ के नंदनवन के रुप में जाना जाता है. उसके साथ ही यह पर्यटन स्थल व ठंडी हवा के स्थान के रुप में भी प्रसिद्ध है. इस स्थान पर निसर्गरम्य माहौल का लुफ्त उठाने के लिए पर्यटक बडी संख्या में पहुंचते है. रिमझिम बारिश में शनिवार व रविवार को चिखलदरा पर्यटन स्थल पर सैकडों पर्यटक निगर्स का आनंद उठाने पहुंचते है. इन पर्यटकों के लिए स्थानीय चिखलदरा के सुशिक्षित बेरोजगार युवक अपने निजी वाहनों से जंगल सफारी की सेवा पर्यटकों को देते है. लेकिन बारिश शुरु होते ही वन विभाग ने जिप्सी चालकों को वाहन बंद करने की सुचना दिये जाने के कारण जिप्सी चालक व व्यावसायियों में जबर्दस्त रोष है.
प्रतिवर्ष जिप्सी चालक क्षेत्र में जिप्सी चलाने के लिए वन विभाग को निवेदन देकर अनुमती लेते है. लेकिन अब चिखलदरा में नवनियुक्त वरिष्ठ अधिकारी के आदेश पर चिखलदरा की जंगल सफारी व जिप्सी पर प्रतिबंद लगाया गया है. जिस पर जिप्सी संगठन के अध्यक्ष इबु शाह व शिवसेना पदाधिकारियों ने जंगल सफारी बंद करने के विरोध में वन अधिकारी को निवेदन सौंपकर तुरंत जंगल सफारी शुरु करने की मांग की. यदि जंगल सफारी शुरु नहीं की गई, तो जन आंदोलन छेडने की चेतावनी दी गई है. जिप्सी चालकों के साथ पर्यटकों को जंगल की जानकारी देने वाले गाईड व अन्य सुशिक्षित बेरोजगारों का भी इसमें समावेश है. 150 से अधिक नागरिकों के परिवार भूके न मरें, इसलिए जंगल सफारी को अनुमति दी जाए, यह मांग इस प्रतिनिधि मंडल ने वन अधिकारियो ंसे की. निवेदन देते वक्त शिवसेना संपर्क प्रमुख राहुल वैद्य, टिल्लू तिवारी, मेलघाट विधानसभा प्रमुख व शिवसेना तहसील अध्यक्ष साधुराम पाटील, इबु शाह, मोहसीन शेख, नरेश तायवाडे, अनिल तायडे, शेख साजिद, चेतन जवंजाल आदि उपस्थित थे.

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