अमरावती

जि.प. की पूर्ण वर्ष में 71.41 लाख बचत

वार्षिक निधि से पदाधिकारियों को वेतन व भत्ते का बोझ कम

* विकासकामों पर खर्च
अमरावती/दि.19- जिला परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित पदाधिकारियों पर खर्च होने वाले करीबन 71 लाख 41 हजार रुपए निधि की प्रशासक कार्यकाल में बचत हुई है. यह निधि अब विकासकामों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति, पंचायत समिति सभापति, उपसभापति एवं सदस्य व पदाधिकारियों के विविध भत्तों पर खर्च किया जा रहा था. फिलहाल जिला परिषद में प्रशासक राज होने से यह सभी खर्चों पर रोक लगी है.
जिला परिषद यह जिले का मिनी मंत्रालय होने से जिले के विकासकामों की जिम्मेदारी भी यहां के प्रशासन पर होती है. इसके लिए यहां मंत्रिमंडल की तरह ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सभापति का चयन किया जाता है. जिला परिषद पर ग्रामीण भाग से लोकप्रतिनिधि प्रतिनिधित्व करते हैं.
जिला परिषद अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा होता है. जिले के 59 सर्कल में से सदस्य जिला परिषद पर चुनकर आते हैं और वे अपने क्षेत्र की समस्या यहां उपस्थित कर निधि द्वारा उन्हें हल करते हैं. जिला परिषद के पदाधिकारी इस पर नियंत्रक के रुप में कार्य करते हैं. लेकिन उन्हें वार्षिक निधि से मासिक मानधन, यात्रा व अन्य भत्ता लागू किया गया है. ऐसे अक्ष्यक्षों को मासिक 20 हजार, उपाध्यक्ष को 15 हजार, जिप सभापति को 12 हजार, पंचायत समिति सभापति को 10 हजार व उपसभापति को 8 हजार रुपए मासिक मानधन दिया जाता है. बावजूद इसके सर्वसाधारण सभा, यात्रा खर्च व अन्य भत्ता इन पदाधिकारियों को लागू है. लेकिन जिला परिषद में एक वर्ष से चुनाव के अभाव में प्रशासक राज है. जिसके चलते अब पदाधिकारियों पर के खर्च का बोझा कम हुआ है. मार्च 2023 तक वार्षिक निधि से पगार के 33 लाख 72 हजार तो विविध भत्तों के 37 लाख 69 हजार ऐसे कुल 71 लाख 41 हजार रुपए की बचत जिला परिषद की हुई है. यह संपूर्ण खर्च अब विकासकामों पर किया जा रहा है.

वार्षिक मानधन व भत्ते पर होने वाला खर्च
अध्यक्ष                                     2 लाख 40 हजार
उपाध्यक्ष                                  1 लाख 80 हजार
11 पंचायत समिति सभापति     13 लाख 20 हजार
11 उपसभापति                         1 लाख 56 हजार
53 जि.प. सदस्य यात्रा भत्ता        19 लाख 8 हजार
98 पं. स. सदस्य यात्रा भत्ता        14 लाख 11 हजार 200
जि.प. पदाधिकारी यात्रा भत्ता       2 लाख
सर्वसाधारण सभा खर्च               2 लाख 50 हजार

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