अमरावती

जि.प. में वर्ष 2005 के पूर्व नियुक्त 600 कर्मियों की पेंशन बंद

ग्रामविकास व पंचायत राज विभाग के उपदान अधिसूचना से खलबली

अमरावती/दि.29- अमरावती जिला परिषद में वर्ष 2005 के पूर्व सेवा में आये करीबन 600 से अधिक कर्मचारियों की पेन्शन बंद होने वाली है. उन्हें अब पेंशन की बजाय उपदान का लाभ देना प्रस्तावित है. शासन के ग्रामविकास व पंचायत राज विभाग के उपसचिव पी.डी. देशमुख ने 7 अगस्त 2023 को यह अधिसूचना जारी की. इसके मुताबिक जिला परिषद कर्मचारियों को केंद्रीय उपदान कानून 1972 की धारा 39 का प्रावधान लागू है, ऐसे कर्मचारियों को महाराष्ट्र नागरिक सेवा निवृत्ति वेतन नियम 1982 प्रावधान लागू नहीं होगा. केंद्रीय कानून के मुताबिक उपदान लिया तो जो पेन्शन वर्तमान मे ं जिला परिषद कर्मियों को लागू है, वह पेन्शन अब बंद होगी. ऐसा उनका स्पष्ट अर्थ है.
जिला परिषद जिला सेवा नियम, 1968 में सुधार करने के लिए धारा 274, उप धारा (3) के जरिए आवश्यक नियमों का मसौदा के तहत बाधित होने की संभावना रहे व्यक्ति की जानकारी के लिए ग्रामविकास व पंचायत राज विभाग ने यह अधिसूचना प्रकाशित की है. अधिसूचना के मुताबिक सुधारित मसौदा 9 सितंबर 2023 को अथवा बाद में विचार में लिया जाएगा. इस मसौदा बाबत कोई भी आपत्ति/सूचना किसी भी व्यक्ति की तरफ से प्रधान सचिव, ग्रामविका व पंचायत राज विभाग, मुंबई के पास भेजी गई तो उस पर शासन विचार करेगा. अधिसूचना में दर्ज प्रारुप नियम को जिला परिषद जिला सेवा नियम 2023 कहा जाएगा. महाराष्ट्र जिला परिषद जिला सेवा नियम 1968 के नियम क्रमांक 6 की उप धारा (1) के बाद आगे उप नियम दाखिल होगा, वह ऐसा कि जिला परिषद के जिन कर्मचारियों को केंद्रीय उप दान कानून 1972 की धारा 39 का प्रावधान लागू है, ऐसे कर्मचारियों को महाराष्ट्र नागरी सेवा नियम 1982 का प्रावधान लागू नहीं रहेगा. यह नियम प्रभाव के साथ लागू रहेगा.

अब ऐसा मिलेगा उपदान
उपदान प्रदान अधिनियम 1972 के मुताबिक कर्मचारी द्वारा कम से कम पांच साल लगातार सेवा दिए जाने के बाद जब वह निश्चित आयु तक पहुंचने अथवा उसकी सेवानिवृत्ति के कारण या फिर इस्तीफे के कारण, दुर्घटना अथवा बीमारी के कारण उसकी मृत्यु होने से अथवा निःसमर्थ होने से, उसकी नौकरी समाप्त होगी, तब उसे उपदान प्रदेय होगा. लेकिन किसी भी कर्मचारी की नौकरी मृत्यु के कारण अथवा निःसमर्थता के कारण समाप्त होगी, इस बाबत पांच साल लगातार सेवा पूर्ण होने की आवश्यकता नहीं रहेगी. लेकिन कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसे प्रदेय रहने वाला उपदान उसके द्वारा नामनिर्देशित को अथवा नाम निर्देशन न किया हो तो उसके वारिस को और जहां ऐसा कोई भी नाम निर्देशित अथवा वारिस अज्ञान होगा, वहां अमानत अज्ञान का हिस्सा, नियंत्रक प्राधिकारी के पास डिपॉजिट के रुप में रखा जाएगा और वह प्राधिकारी यह हिस्सा ऐसा अज्ञान के लाभार्थ और बालिग होने तक निश्चित की गई बैंक अथवा अन्य वित्तीय संस्था में निवेश किया जाएगा.

सेवानिवृत्ति वेतन की व्याख्या
महाराष्ट्र नागरी सेवा नियम 1982 के प्रावधान और इस नियम से संबंधित सभी शासकीय आदेश व सूचना शासकीय कर्मचारियों को जिस तरह लागू होती है, उसी तरह परिषद कर्मचारियों को आवश्यक फेरफार समेत लागू होगी. इसमें उपनियम (2) और (3) के प्रावधान का अपवाद रहेगा. महंगाई भत्ते का कोई भी भाग, सेवानिवृत्ति वेतन का हिसाब करने का प्रयोजन, मूल वेतन का भाग रहने के निर्देश सरकार दे सकेगी. 1 मई 1962 अथवा उसके बाद सेवानिवृत्त होने वाले परिषद कर्मचारियों को राज्यशासन की सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जिस दर से बढ़ोत्तरी मिलती है, उससे अधिक नहीं रहेगी. ऐसे दर से वादी देते आएगी.

हम आपत्ति लेंगे
शासन द्वारा 7 अगस्त 2023 को निकाली गई अधिसूचना के मुताबिक जिला परिषद कर्मचारियों को केंद्रीय उपदान कानून 1972 की धारा 39 प्रावधान लागू है. ऐसे कर्मचारियों को महाराष्ट्र नागरी सेवानिवृत्ति वेतन नियम 1982 प्रावधान लागू नहीं होगा. इसका मतलब ऐसा है कि केंद्रीय कानून के मुताबिक उपदान लिया तो जो पेन्शन वर्तमान में जि.प. कर्मियों को लागू है, वह पेंशन अब बंद होगी. इस कारण हम सेवानिवृत्ति वेतन नियम 1982 लागू करने बाबत आपत्ति दर्ज करने वाले हैं.
– पंकज गुल्हाने, राज्य उपाध्यक्ष जि.प.
लिपिक स्वर्गीय कर्मचारी संगठना

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