अमरावती

जीएडी को मिली नई सहायक आयुक्त

प्रभारी अधीक्षक लीना अकोलकर को ही सौपी गई जिम्मेदारी

अमरावती/दि.23 – उपायुक्त (प्रशासन) में सामान्य प्रशासन व विधि विभाग अपने पास रखकर मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने अपने अधिकारों का नये सिरे से विकेंद्रीकरण किया है. जिसके चलते सामान्य प्रशासन विभाग की प्रभारी अधीक्षक लीना अकोलकर को उसी विभाग के सहायक आयुक्त पद की जिम्मेदारी सौपी गई है.
नये आदेश के अनुसार निर्माण, नगर रचना व सामान्य प्रशासन विभाग पर मनपा आयुक्त का सीधा नियंत्रण रहेगा. आयुक्त आष्टीकर ने मंगलवार को दो स्वतंत्र आदेश जारी किए है. अब तक जीएडी की जबाबदारी उपायुक्त (प्रशासन) के पास थी. परंतु 13 फरवरी से इस पद का अस्थायी प्रभार रहने वाले अधिकारी दीर्घ अवकाश पर चले गए. जिसके चलते एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति बन गई. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि, आयुक्त आष्टीकर द्बारा उपायुक्त (प्रशासन) के पास रहने वाली सभी विभागों की जबाबदारी अतिरिक्त आयुक्त को सौपी जाएगी. परंतु बोरेकर द्बारा अवकाश पर जाने का अधिकृत आवेदन दिए जाने के 8 दिन पश्चात अनौपचारिक रुप से उस पद को फ्रीज कर दिया गया है. जिसके चलते अब कोई भी फाइल उपायुक्त (प्रशासन) के पास नहीं जाएगी. इसका प्रावधान नये आदेश में किया गया है.
इस बीच उपायुक्त (प्रशासन) के पास रहने वाले भांडार, सांख्यिकी, जनगणना, संगणक, अतिक्रमण व अतिरिक्त आयुक्त के अनिनष्ट विभागों की फाइले अब अतिरिक्त आयुक्त के पास ही जाएगी. इन विभागों को अब अपनी फाइलें उपायुक्त (प्रशासन) के पास लेकर जाने की कोई जरुरत नहीं रहेगी. जिसके चलते अब एक हस्ताक्षर कम करवाना पडेगा.

* जीएडी की लचर नीति में अटके अभियंताओं के प्रमोशन
– सेवा ज्येष्ठता सूची में भी हुई अनदेखी, प्रमोशन की श्रृंखला गडबडाई
महानगरपालिका के सामान्य प्रशासन विभाग द्बारा कोई भी ठोस निर्णय नहीं लिए जाने के चलते 27 अभियंताओं के प्रशासकीय कामकाज व कार्यकाल पर एक तरह से ब्रेक लग गया है. पदोन्नति किसे दी जाए और पदोन्नति देते समय मानिव दिनांक व सेवा ज्येष्ठता को किस तरह आंका जाए. इसके बारे में स्पष्ट आदेश रहने के बावजूद प्रशासन ने विगत 2 वर्षों से इस फाइल को साइड ट्रैक कर रखा है. जिसके चलते कई अभियंताओं ने आरोप लगाया कि, जीएडी की लचर नीतियों की वजह से उनके सेवा ज्येष्ठता अनुसार होने वाले प्रमोशन अधर में अटके हुए है.
सन 2020 में महानगरपालिका के सामान्य प्रशासन विभाग ने अभियंताओं की सेवा ज्येष्ठता सूची प्रकाशित की. जिस पर वर्ष 2003 में मनपा की आस्थापना पर सीधी पद भर्ती के जरिए नियुक्त साथ ही इससे पहले ठेका पद्धति के जरिए सेवा में रहने वाले व वर्ष 2003 के बाद नियमित किए गए अभियंताओं ने अपना आक्षेप दर्ज कराया और इसे लेकर आयुक्त द्बारा निर्णय लिए जाने हेतु जमकर पत्रव्यवहार भी हुआ. जिसके लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश सहित नगरविकास विभाग व सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्रकों का संदर्भ दिया गया है. लेकिन 2 साल के बाद भी प्रशासन ने इसे लेकर कोई योग्य निर्णय नहीं लिया. साथ ही साथ इस दौरान जीएडी को भी इससे संबंधित फाइल से धूल झटकने का समय नहीं मिला.
* साल भर बाद झोन में फिर होगा प्रभारी राज
इस समय पांच झोन की जिम्मेदारी उपअभियंता के तौर पर 5 लोगों पर सौपी गई है. जिसमें से उपअभियंता तौसिफ काजी व भास्कर तिरपुडे आगामी 31 जुलाई को सेवा निवृत्त हो रहे है. वहीं 3 झोन के अपअभियंता प्रभारी है. ऐसे में अगस्त माह के दौरान फिर एक बार 2 सहायक या कनिष्ठ अभियंताओं को उपअभियंता पद का अस्थायी प्रभार देना होगा. वहीं सेवा ज्येष्ठता अनुसार पदोन्नति दिए जाने पर पांचों झोन को पांच पदोन्नति प्राप्त उपअभियंता मिल सकते है. साथ ही पदोन्नति करने पर सभी अभियंताओं की नाराजगी दूर हो सकती है.
* साल भर से उपायुक्त ने नहीं देखी फाइल
विगत वर्ष उपायुक्त (प्रशासन) का पद मनपा की आस्थापना पर रहने वाले किसी अधिकारी को देने की बजाय प्रतिनियुक्ति वाले अधिकारी को सौपा गया. जिनसे सहायक अभियंताओ ने अनेकों बार व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात करते हुए उनके समक्ष अपनी व्यथा रखी. लेकिन हर बार आश्वासन के अलावा दूसरा कुछ हासिल नहीं हुआ, बल्कि इससे संबंधित फाइल पर जमी धूल भी नहीं उडाई गई. ऐसे में अधिकारियों व कर्मचारियों में रहने वाले ‘स्पार्क’ को पहचानकर उन्हें मौका देने वाले आयुक्त ने अपनी ‘उस’ फाइल से धूल झटककर पदोन्नति के मामले को आगे बढाना चाहिए. ऐसा प्रमोशन की प्रतिक्षा में रहने वाले कई अभियंताओं का मानना है.

* कई वर्षों से केवल चार्ज संभाल रहे है
झोन-1 की जबाबदारी सहायक अभियंता आशिष अवसरे के पास है. वहीं झोन-2 का जिम्मा प्रमोद इंगोले व झोन-4 का जिम्मा कनिष्ठ अभियंता श्रीरंग तायडे को सौपा गया है. अभियंताओं की सेवा ज्येष्ठता की श्रृंखला सुचारु होने पर इन तीनों झोन को तीन उपअभियंता मिल जाएगे. विशेष यह भी है कि, सेवा ज्येष्ठता के गडबडा जाने की वजह से ज्यूनियर उपअभियंता को सहायक आयुक्त का जिम्मा मिल जाएगा, ऐसे में सिनियर रहने वाले अभियंताओं में इस ेलेकर काफी हद तक असंतोष व संताप देखा जा रहा है.

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