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नागपुर मेडिकल से दस्तावेज मिलते ही हरकत में आयी गाडगेनगर पुलिस

सौरभ गुप्ता आत्महत्या मामले में अपराध दर्ज

* श्वेता गुप्ता व संगीता गुप्ता नामक मां-बेटी को बनाया गया आरोपी
* आत्महत्या के लिए प्रेरित करने हेतु दफा 306 के तहत दर्ज हुआ मामला
* आरोपी मां-बेटी की फिलहाल नहीं हो पायी गिरफ्तारी
* सुसाईड नोट में सौरभ ने मां-बेटी को बताया था मौत के लिए जिम्मेदार
अमरावती/दि.24– स्थानीय मसानगंज परिसर में रहनेवाले सौरभ सुनील गुप्ता नामक युवक द्वारा सुसाईड नोट लिखकर की गई आत्महत्या के मामले में पुलिस ने श्वेता बाकेलाल गुप्ता (32) तथा संगीता बाकेलाल गुप्ता (50) नामक मां-बेटी को भादंवि की धारा 306 व 34 के तहत अपराधिक मामला दर्ज करते हुए आरोपी बनाया है.
बता दें कि, विगत सोमवार 13 जून को स्थानीय मसानगंज परिसर में रहनेवाले सौरभ सुनील गुप्ता नामक 26 वर्षीय युवक ने रात 10 बजे नया कॉटन मार्केट परिसर स्थित होटल के सामने रोगर नामक कीटनाशक दवाई गटक ली थी, जिसे इलाज हेतु शहर के एक निजी अस्पताल में भरती कराये जाने के बाद नागपुर रेफर किया गया था. जहां पर अगले दिन मंगलवार 14 जून की शाम 4 बजे सौरभ गुप्ता की नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. सौरभ गुप्ता द्वारा आत्महत्या किये जाने से पहले एक सुसाईड नोट लिखा गया था, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए मसानगंज परिसर में रहनेवाली श्वेता गुप्ता व संगीता गुप्ता नामक मां-बेटी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था. लेकिन चूंकि सौरभ की मौत नागपुर में हुई थी और उसका पोस्टमार्टम भी नागपुर में ही किया गया था. ऐसे में गाडगेनगर पुलिस द्वारा उस समय इस मामले में केवल मर्ग दाखिल करते हुए जांच शुरू की गई, क्योंकि अब तक नागपुर से सौरभ गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अमरावती पुलिस को प्राप्त नहीं हुई थी. ऐसे में पुलिस द्वारा अब तक आत्महत्या हेतु प्रेरित करने से संबंधित अपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जा सका था. लेकिन अब गाडगेनगर पुलिस को नागपुर पुलिस के जरिये सौरभ गुप्ता की मृत्यु व पोस्टमार्टम से संबंधित दस्तावेज प्राप्त हो गये है. ऐसे में सौरभ गुप्ता के पिता सुनील गुप्ता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर गाडगेनगर पुलिस ने श्वेता गुप्ता व संगीता गुप्ता नामक मां-बेटी के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया है. परंतू समाचार लिखे जाने तक इन दोनोें में से किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी थी. ज्ञात रहे कि, जब गाडगेनगर पुलिस द्वारा विगत सप्ताह इस मामले की जांच-पडताल करनी शुरू की एवं श्वेता गुप्ता व संगीता गुप्ता नामक मां-बेटी को पूछताछ हेतु बुलाया गया. तब पता चला कि, ये दोनों महिलाएं अपने घर पर नहीं है. वहीं मसानगंज परिसर निवासियों के मुताबिक सौरभ गुप्ता की मृत्यु होने की खबर मिलने के बाद से इन दोनों महिलाओं को उनके घर पर नहीं देखा गया. यानी सौरभ गुप्ता की आत्महत्या के बाद से ही दोनों मां-बेटी फरार है.

* क्या था पूरा मामला
बता दें कि, मोबाईल रिपेअरींग व एसेसरी बिक्री के साथ ही वाहनों की खरीदी-बिक्री का व्यवसाय करनेवाले सौरभ सुनील गुप्ता काफी होनहार और मिलनसार स्वभाव का था. जिसके पिता सुनील गुप्ता ट्रान्सपोर्ट क्षेत्र में अच्छा-खासा नाम रखते है. पता चला है कि, करीब तीन वर्ष पूर्व सौरभ गुप्ता मसानगंज परिसर में ही रहनेवाली श्वेता गुप्ता नामक एक 31 वर्षीय विवाहित महिला के संपर्क में आया था. जिसके बाद बात जान-पहचान से थोडा और आगे बढी, लेकिन इसके पश्चात सौरभ गुप्ता मानो इस प्रेमजाल के तौर पर किसी अनजान दलदल में फंसता चला गया और काफी परेशान भी रहने लगा. यह बात उसने अपने कुछ दोस्तों से भी बताई थी. वहीं सोमवार की रात 10 बजे सौरभ ने नया कॉटन मार्केट परिसर में अकस्मात ही ढेर सारा जहर गटक लिया. ताकि सारी समस्याओं व परेशानियों से छूटकारा मिल सके. शरीर में जहर फैलते ही सौरभ नीचे जमीन पर गिर पडा और उसके मुंह से झाग निकलने लगा. जिसकी सूचना किसी ने तुरंत ही क्षेत्र के समाजसेवी दीपक सम्राट को दी, जो तत्काल अपने कुछ साथियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. जिसके पश्चात सौरभ गुप्ता को तुरंत ही शहर के झेनिथ अस्पताल में भरती कराया गया. जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरोें ने सौरभ को तुरंत नागपुर ले जाने की सलाह दी और उसे एम्बुलन्स के जरिये तत्काल ही नागपुर शिफ्ट किया गया. जहां पर मंगलवार 14 जून की शाम 4 बजे इलाज के दौरान सौरभ गुप्ता ने दम तोड दिया था.

* सौरभ ने क्या लिखा था सुसाईड नोट में
पुलिस सूत्रों के जरिये हासिल की गई जानकारी के मुताबिक सौरभ गुप्ता ने आत्महत्या करने से पहले 13 जून को शाम 7.06 बजे लेटर पैड के पन्ने पर अपना सुसाईड नोट लिखा था. जिसमें सौरभ द्वारा लिखा गया कि, मैं कुछ मजबूरियों के चलते अपने परिवार और प्यारे दोस्तों को छोडकर जा रहा हूं. इसके जिम्मेदार श्वेता बांकेलाल गुप्ता और उसकी मां संगीता बांकेलाल गुप्ता रहेंगी. इन दोनों ने मुझे प्यार का झांसा देकर करीब दो साल तक केवल इस्तेमाल ही किया और प्यार व भरोसे का गलत इस्तेमाल किया. शायद इस मां-बेटी ने मेरे जैसे और भी कई लोगों व लडकों का इस्तेमाल किया होगा. आज मुझे इस दुनिया से बाहर भेजने के लिए वह धोखेबाज लडकी (श्वेता गुप्ता) व उसकी मां (संगीता गुप्ता) ही जिम्मेदार है. जिन्होंने मेरा नाम, मेरा सबकुछ और मेरे परिवार का नाम बर्बाद कर दिया. इस सुसाईड नोट के अंत में सौरभ गुप्ता ने विशेष तौर पर जोर देते हुए लिखा कि, मेरी आत्मा को शांति तभी मिलेगी, जब इन दोनों कातिलों को मौत की सजा दी जायेगी. वहीं सुसाईड नोट के अंत में हस्ताक्षर करने से पहले सौरभ गुप्ता ने अंग्रेजी में ‘आय होप जस्टिस’ भी लिखा है.
 
* सौरभ ने एफबी स्टेटस् से भी दिया था संकेत
सौरभ गुप्ता ने आत्महत्या करने से पहले अपने दिल में उमड रहे विचारों व भावनाओं के ज्वारभाटे को डायरी के जरिये एफबी स्टेटस् के जरिये भी प्रदर्शित किया था. सौरभ ने अपने एफबी स्टेटस् पर लिखा था कि, ‘डूब गये तो किनारों से कहना अलविदा हमें, अगर बच गये तो यकिन मानो, ये समंदर समेट देंगे.’ यद्यपि यह शेर पढने में काफी अच्छा लगता है और सौरभ के कई दोस्तों ने इसे लाईक करते हुए उस पर वाहवाही वाले कमेेंट भी किये थे. लेकिन सौरभ द्वारा उठाये गये आत्मघाती कदम के बाद इस शेर और सौरभ की भावनाओं का असली मतलब सभी के समझ में आया है.

* विवाहीत रहने के साथ ही तीन साल के बच्चे की मां है ‘वह’ श्वेता गुप्ता
पता चला है कि, सौरभ गुप्ता ने अपने सुसाईड नोट में जिस श्वेता बांकेलाल गुप्ता के नाम का उल्लेख किया था, पता चला है कि, उस महिला की कुछ वर्ष पूर्व मुर्तिजापूर में रहनेवाले एक व्यक्ति से शादी हो गई थी और उसे तीन वर्ष का एक बेटा भी है. परंतु बाद में यह महिला अपने पति को साथ लेकर अमरावती ले आयी तथा मसानगंज परिसर स्थित अपने मायके में अपनी मां के साथ रहने लगी. इस महिला का पति अमरावती में किसी होटल में काम करता है. वहीं इस महिला के अमरावती वापिस आने के बाद सौरभ गुप्ता का इस महिला से परिचय हुआ और फिर बात कुछ आगे भी बढी. परंतु आगे चलकर शायद सौरभ गुप्ता को यह महसूस हुआ कि, जिसे वह प्यार समझ रहा है, वह प्रेमजाल व झांसे के अलावा और कुछ नहीं. ऐसे में सौरभ गुप्ता भावनात्मक रूप से आहत होने के साथ ही खुद को ठगा हुआ महसूस करने लगा, शायद इसी वजह से उसने सुसाईड नोट में श्वेता गुप्ता व संगीता गुप्ता नामक मां-बेटी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आत्महत्या कर ली थी.

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