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‘गडबड झाला’, बोगस वोट के भरोसे चुना गया उपसरपंच

घुटी ग्राम पंचायत सदस्य की शिकायत

* तहसीलदार ने दिए 24 घंटे में जवाब पेश करने के आदेश
* उपचुनाव के लिए 4 सदस्यों ने आवेदन किया था
धारणी/दि.19 – धारणी तहसील के ग्राम पंचायत घुटी में उपसरपंच पद का उपचुनाव लिया गया. इस सभा के अध्यक्ष सरपंच अनिल मावस्कर और जलसंधारण अधिकारी जे. आर. शिरभाते यह चुनाव निरीक्षक का काम संभाल रहे थे. ग्राम सेवक कु. एस. डी. भलावी कार्यवृत्त लिखने का कार्य कर रही थी. इस समय सभी सदस्य उपस्थित थे. उप सरपंच पद के लिए 4 सदस्यों ने आवेदन किया था. परंतु इस दौरान एक सदस्य द्बारा दोे वोट डालकर बोगस वोट के सहारे संजू भिलावेकर को उपसरपंच घोषित किया गया और शिरभाते ने किसी की न सुनते हुए वहां से निकल गए. ऐसी शिकायत ग्राम पंचायत सदस्य प्रदीप चव्हाण ने दी. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए धारणी के तहसीलदार ने सरपंच जलसंधारण अधिकारी और ग्राम सेवक के नाम नोटीस जारी करते हुए 24 घंटे के अंदर रिपोट पेश करने के आदेश जारी किए. साथ ही वक्त रहते सफाई पेश न करने पर कार्रवाई की जाएगी, ऐसा स्पष्ट पत्र जारी किया है.
घुटी के ग्राम पंचायत सदस्य प्रदीप गंगाराम चव्हाण ने तहसीलदार के नाम लिखे पत्र में कहा है कि, 13 जनवरी को ग्राम पंचायत घुटी की पहली सभा और उपसरपंच की सभा आयोजित की गई थी. सभा में बतौर अध्यक्ष के रुप में सरपंच अनिल मावस्कर चुनाव निरीक्षक के रुप में जे. आर. शिरभाते और कार्यवृत्त लिखने का काम कु. एस. डी. भलावी देख रही थी. सभा में 11 सदस्य व सरपंच ऐसे कुल 12 सदस्य उपस्थित थे. उपसरपंच पद के लिए 4 सदस्यों ने आवेदन किया था, ऐसा पाया गया. उपसरपंच पद की प्रक्रिया शुरु की गई, तब शुरुआत में सदस्य शिकायतकर्ता प्रदीप चव्हाण का नाम लिया गया. तब चव्हाण और 5 सदस्यों ने हाथ खडे कर 6 सदस्यों के वोट चव्हाण को मिले. इसके बाद संजू भिलावेकर का नाम लिया, तब बकाया 6 सदस्यों ने हाथ उपर कर वोट दिए. संजू भिलावेकर ने भी हाथ उपर किए. जबकि संजू भिलावेकर ने पहले ही चव्हाण को वोट दिए थे. इस वजह से उनका वोट अवैध हुआ. यह बात चव्हाण ने चुनाव निरीक्षक को बताई. परंतु उन्होेंने कुछ कहने से मना किया और कहा कि, तुम्हे जो कुछ कहना है, तहसील कार्यालय में जाकर बोलो, मुझे सब नियम पता है. जबकि सभी सदस्यों ने भी दोनों को समान वोट मिलने के कारण अध्यक्ष को निर्णायक वोट देने का अधिकार है. परंतु शिरभाते ने कहा कि, चव्हाण को 6 भिलावेकर को 7, दहीकर को 6, पटोरकर को 6 वोट मिले है, ऐसा कहकर शिरभाते नियम तोडते हुए अपनी मर्जी से संजू भिलावेकर को उपसरपंच घोषित किया और किसी की एक न सुनते हुए तत्काल वहां से निकल गए.
शिकायत में उन्होंने यह भी बताया कि, उपसरपंच पद के लिए केवल 3 फार्म उठाए गए थे. उसमें से दो फार्म चव्हाण ने व गणपत भिलावेकर और एक फार्म नागोलाल पटोलकर ने उठाए थे. भिलावेकर ने फार्म भरा ही नहीं. फिर संजू भिलावेकर और नर्मदी दहीकर को फार्म कहां से मिले. उन्होंने फार्म कैसे भरे, यह गंभीर विषय है. चव्हाण और संजू भिलावेकर को समान वोट मिले. इस वजह से सरपंच ने निर्णायक वोट देना था. शिरभाते के कारण बहुमत रहने के बाद भी चव्हाण उपसरपंच नहीं बने. शिरभाते की वजह से मतदाताओं का अपमान हुआ है. इस वजह से चुनाव निरीक्षक शिरभाते के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाए, ऐसा भी पत्र के माध्यम से प्रदीप चव्हाण ने तहसीलदार से न्याय मांगा. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरपंच ने तीनों के नाम नोटीस जारी कर 24 घंटे के अंदर जवाब तेज करने के आदेश दिए है.

* तहसीलदार ने दी कार्रवाई की चेतावनी
उपसरपंच पद के चुनाव के लिए सरपंच को अध्यक्ष, चुनाव निरीक्षक शिरभाते व ग्राम सेवक को जिम्मेदारी सौपी गई थी. परंतु उन्होंने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. इसमें गंभीर लापरवाही बरती जाने की बात सामने आयी है. इस वजह से तीनों के खिलाफ मुंबई ग्राम पंचायत अधिनियम चुनाव नियम 1959 के अनुसार कार्रवाई क्यो ना की जाए. इसकी लिखित सफाई दें. नोटीस मिलने के 24 घंटे के अंदर जवाब पेश करें, अन्यथा आप लोगों का कुछ कहना नहीं ऐसा मान्य कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. ऐसा भी धारणी के तहसीलदार ने जारी पत्र में उल्लेख किया है.

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