अमरावती

गडगा सिंचाई प्रकल्प 130 करोड का लेकिन अब हुवा 494 करोड का ! 

गडग़ा प्रकल्प के काम पर भ्रष्टाचार का साया

  • जमीन अधिग्रहण कर किसानों के साथ छल, तत्कालीन फडणवीस सरकार ने लगाई थी रोक

परतवाडा /मेलघाट /धारणी दि १४ –जिले के धारणी तहसील अंतर्गत वर्ष 2011-12 में 200 आदिवासी किसानों की जमीन का अधिग्रहण करते हुए तत्कालीन आघाडी सरकार ने गडगा मध्यम प्रकल्प का काम शुरु किया था। तत्कालीन विरोधी पक्षनेता देवेंद्र फडणवीस ने प्रकल्प का विरोध भी किया था। हालांकि गठबंधन सरकार के कार्यकाल में प्रकल्प के काम की  जांच करवाते हुए कार्रवाई करते हुए काम बंद किया गया था। लेकिन अब महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में ठेकेदार ने एक बार फिर प्रकल्प का काम तेजी से शुरु कर दिया है। आरोप लगाया जा रहा है कि यह प्रकल्प अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है।क्योकी प्रशासकीय मान्यता अनुसार यह प्रकल्प 130 करोड रुपयो का था लेकिन अब यही प्रकल्प की किंमत 494 करोड का हो गया है, इस प्रकल्प की अनाप शनाप किंमत बंढने से इस मे कई प्रकार से भ्रस्ताचार की बात बु आते नजर आरही है बताया जा रहा है की मटेरियल की दुरी की लीड बताकर तथा इस्टीमेट मे लोहे का स्तर बढाकर मजबुती का हवाला देकर करोडो प्रकल्प एक गुना नही दोगुणा नही कई गुना बढाकर इसकी अबकी किंमत करीब 494 करोड करदी गयी इस प्रकल्प मे भारी पैमाणे मे
भ्रस्ताचार होणे के आरोप मेलघाट वासीयो दवारा लगाया जा रहा है तथा इस इस प्रकल्प की करोडो की गैरप्रकार की शिकायत जल्ड ही महाराष्ट्र के लोकायुक्त को कर मामले की जांचं की मांग उठणे वाली है
प्राप्त जानकारी के मुताबिक धारणी तहसील अंतर्गत अधिकांश किसान खेती-बाड़ी करते हुए अपनी आजीविका पुरी करते है। गिने-चुने किसान ही ऐसे है जो खेती-बाडी के साथ वैकल्पीक व्यवसाय पर जोर दे रहे है। लेकिन जिन किसानों की उपजिविका केवल खेती-बाड़ी ही थी, ऐसे 200 आदिवासी किसानों की जमीन वर्ष 2011-12 में तत्कालीन काँग्रेस-राकाँपा सरकार ने जबरन पोलीस के दबाव से उन किसानो की जमीन अधिग्रहित की थी। जमीन का अधिग्रहण गडगा मध्यम प्रकल्प के लिए किया गया था। व प्रकल्प तैयार करने का जिम्मा मुंबई की विवादित एफ.ए. कन्स्ट्रक्शन  कंपनी को दिया गयावत था
। इस कन्स्ट्र्क्शन कंपनी  के ठेकेदार ने मनमानी ढंग से प्रकल्प का काम शुरु कर दिया था। उस दौरान विरोधी पक्षनेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया था कि धारणी तहसील के गडगा प्रकल्प सहित अन्य सिंचाई प्रकल्पों में तत्कालीन सिंचाई मंत्री अजित पवार के हस्तक्षेप से करोडो-अरबों का घोटाला किया जा रहाा है। पश्चात 2014 में राज्य में गठबंधन सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री रहते देवेंद्र फडणवीस ने गडगा प्रकल्प का काम रोकते हुए एफ.ए. कन्स्ट्रक्शन  कंपनी के ठेकेदार पर कार्रवाई की थी। लेकिन अब राज्य में नई महाविकास आघाड़ी सरकार के आते ही ठेकेदार ने गडगा प्रकल्प का कार्य तीव्रता से आरंभ कर दिया है। रात-दिन में गडगा प्रकल्प का काम पुरा किया जा रहा हैै
  • बोगस बिल निकालने की तैयारी

महाराष्ट्र राज्य में सिंचाई घोटाले पर तत्कालीन फडणवीस सरकार ने इन कामों की जांच करवाकर कार्रवाई करते हुए काम को रोक दिया था। लेकिन महाविकास आघाड़ी के  कार्यकाल में गडगा प्रकल्प का काम फिर तेजी से शुरु किया गया है। तथा इस प्रकल्प की किंमत मे भी मनमानी ढगं से किंमत बढाई जा रही है तथा इस प्रकल्प के नाम पर बोगस बील निकालने की तैयारी चल रही है। मेलघाट के किसान व आम जनता से इन्हें कुछ लेना-देना नहीं है। यह सिर्फ मनमानी चल रही है।
प्रभुदास भिलावेकर, पूर्व विधायक, मेलघाट
  • रिवाईज होता है इस्तीमेट

धारणी तहसील के गडगा सिचाई प्रकल्प की किंमत सण 2008 मे प्रशाशकीय मान्यता के अनुसार 150 करोड रुपये थी लेकिन समय के अनुसार इस काम का ईसतिमेट मे  रिवाईज होकर अब यह काम 450 करोड रुपये तक जा पहुचा है, इसमे किसानो की जमिनो का भि भुसमपादन सामील है
श्रीकांत उमप 
कार्यकारी अभियंता
जलसम्पदा विभाग अमरावती

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