चांदुर बाजार/ दि. 20– महापुरूष यह एक जाति धर्म के न होकर संपूर्ण देश के है. छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज, कर्मयोगी गाडगे महाराज इन महापुरूषों ने देश को प्रगतिशील बनाने में महान कार्य किए है. कर्मयोगी गाडगे महाराज ने हाथ में खराटा लेकर गांव स्वच्छता के साथ ही लोगों का मन भी स्वच्छ करने का कार्य किया. इसलिए गाडगे महाराज ये सच्चे अर्थो में समाज को स्वच्छता की सीख देनेवाले पहले महापुरूष होने का मत डॉ. आनंद धोटे ने किया. इस समय गो.सी. टोम्पे कला, वाणिज्य व विज्ञान महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से संत गाडगेबाबा की पुण्यतिथि निमित्त आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में बोल रहे थे.
इस अवसर पर मंच पर प्राचार्य डॉ. राजेंद्र रामटेके, प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ. आनंद धोटे, भूगोल विभाग प्रमुख युवाशक्ति महाविद्यालय डॉ. रविंद्र डाखोरे, डॉ. सचिन भोम्बे, डॉ. उमेश कनेरकर प्रमुख रूप से उपस्थित थे. डॉ. आनंद धोटे ने आगे बोलते समय कहा कि विद्यार्थियों को महापुरूष के आचरण पढने चाहिए और उन्हे आचरण में भी लाना चाहिए. डॉ. रविंद्र डाखोरे ने विद्यार्थियो को मार्गदर्शन करते समय कहा कि गाडगे महाराज ने कीर्तन के माध्यम से समाज मेें अज्ञान, अंधश्रध्दा न होने का कहा. भगवान मंदिर में न होकर मनुष्य में होने का बताया.
कार्यक्रम की शुरूआत कर्मयोगी गाडगे महाराज की प्रतिमा को पुष्पहार अर्पण कर अभिवादन कर की गई. कार्यक्रम का प्रास्ताविक डॉ. लालबा दुमटकर ने किया तथा सूत्रसंचालन व आभार डॉ. युगंधरा गुल्हाने ने माना. कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक,कर्मचारी, विद्यार्थी उपस्थित थे.