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गाडगेेबाबा दशसूत्री राज्यसभा में गूंजी

सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने दिया संदर्भ

* बोले : इन्हीं विचारों पर काम कर रही मोदी सरकार
अमरावती/दि.26– महंगी चिकित्सा पध्दती का खर्च देश के सर्वसामान्य व गरीब लोग नहीं उठा पाते. इस बात के मद्देनजर केंद्र सरकार ने अपनी विविध योजनाओं के जरिये अल्पदरों में औषधोपचार की सुविधा उपलब्ध करायी. इसी तरह गरीबों व जरूरतमंदों के लिए सरकार द्वारा नि:शुल्क अनाज के साथ-साथ अल्पदरों में आवास योजना भी चलाई जा रही है. यही बात किसी समय बडे सीधे-साधे व सरल शब्दों में वैराग्यमूर्ति गाडगेबाबा ने अपनी दशसूत्री के जरिये समाज के सामने रखी थी और इन्हीं विचारों पर मोदी सरकार प्रभावी रूप से काम कर रही है. इस आशय का प्रतिपादन गत रोज सांसद डॉ. अनिल बोंडे द्वारा राज्यसभा में किया गया और इसके साथ ही राज्यसभा में पहली बार कर्मयोगी संत गाडगेबाबा की दशसूत्री का उल्लेख सुनाई दिया.
बता दें कि, दिल्ली में इस समय संसद का सत्र चल रहा है. जिसके दौरान राज्यसभा में स्वास्थ्य विषयक चर्चा जारी रहते समय सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने इस चर्चा में सहभागी होते हुए कर्मयोगी संत गाडगेबाबा की दशसूत्री का महत्वपूर्ण संदर्भ दिया. जिसके तहत उन्होंने कहा कि, देश के सर्वसामान्य नागरिकों का स्वास्थ्य सुदृढ रहे इस हेतु केंद्र सरकार ने आयुष्यमान भारत योजना शुरू की. जिस पर राज्य की तत्कालीन फडणवीस सरकार द्वारा प्रभावी रूप से अमल भी किया गया. जिसके परिणाम स्वरूप सैंकडों दुखी, निराश्रित व उपेक्षित नागरिकों की गंभीर बीमारियों से मुक्ति हुई और ऐसे लोगों के चेहरे पर रहनेवाले आनंद का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, सरकार ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को और भी अधिक मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए.
* बाढ प्रभावितों को तुरंत सहायता मिले
सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने यह भी कहा कि, बाढ और अतिवृष्टि की वजह से अमरावती सहित वर्धा जिले में बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. जिसमें घरों व खेतों के नुकसान के साथ ही प्राणहानि का भी समावेश है. ऐसे में संबंधित क्षेत्रों का जल्द से जल्द पंचनामा करते हुए बाढ व बारिश प्रभावितों को तत्काल सहायता उपलब्ध करायी जानी चाहिए.
* विपक्ष को जमकर लिया आडे हाथ
कोविड की संक्रामक महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों को समाज के अंतिम घटक तक सफलतापूर्वक पहुंचाया गया. लेकिन इस दौरान कई लोगों ने कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन को मोदी वैक्सीन कहते हुए उसका मजाक उडाया. साथ ही वैक्सीन नहीं लगवाने के बयान जारी करते हुए आम नागरिकों में वैक्सीन को लेकर संभ्रम फैलाया. परंतु इसके बावजूद आज देश में वैक्सीनेशन की अपेक्षीत लक्ष्य को मोदी सरकार द्वारा शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है. यह सरकार की सबसे बडी उपलब्धी है. इस आशय का प्रतिपादन करते हुए सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि, महामारी काल के दौरान सभी मतभेदों को परे रखते हुए सभी राजनीतिक दलोें ने सरकार के साथ एकजूट रहना चाहिए था. लेकिन कई लोगों महामारी को भी अपनी राजनीति चमकाने का जरिया माना और केवल विरोध करने के लिए झूठ पर झूठ बोलते हुए विरोध करने का सिलसिला जारी रखा. सांसद डॉ. बोंडे ने यह कहते हुए विपक्ष पर तंज कसा कि, कोरोना की बीमारी से कहीं ज्यादा खतरनाक झूठ बोलने की बीमारी है.

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