अमरावती/दि.27 – स्थानीय महानगरपालिका के सामान्य प्रशासन विभाग में वरिष्ठ लिपिक के तौर पर पदस्थ धनंजय पाठक को भाजी बाजार झोन में तबादले पर भेज दिया गया है. इस तबादले का आदेश शुक्रवार की शाम बडे आनन-फानन में जारी किया गया. मनपा में जारी चर्चा के मुताबिक आयुक्त आष्टीकर के आदेश की अवहेलना करना धनंजय पाठक को काफी भारी पड गया.
बता दें कि, शिक्षा विभाग में कई वर्ष तक सेवा प्रदान करने के उपरान्त धनंजय पाठक का सामान्य प्रशासन विभाग में तबादला हुआ था. जहां से उनका तबादला वरिष्ठ लेखा परीक्षक के तौर पर लेखा परीक्षण विभाग में हुआ. लेकिन इसके बावजूद वे सामान्य प्रशासन विभाग में ही ‘सेवा’ देते रहे. जहां पर सुरक्षा रक्षक, ऑपरेटर व इंजिनिअर जैसे मनुष्यबल की ठेका नियुक्ति से संबंधित करोडों रुपए की फाइल को संभालने का जिम्मा पाठक के पास था. विगत 3-4 वर्षों के दौरान पाठक के लेखा परीक्षण विभाग में नहीं जाने को लेकर आरोपों का बडा गुबार उठा. लेकिन इसके बावजूद भी पाठक सामान्य प्रशासन विभाग में ही कायम रहे और उन्हें वहीं पर रखा भी गया. ऑडिट के दौरान भी उनके तबादले के विषय को लगभग ‘गोल’ कर दिया गया. परंतु लेखा परीक्षण में तबादला अपेक्षित रहने के दौरान ही जीएडी के आदेशानुसार उन्हें मनपा मुख्यालय से हटाकर सीधे भाजी बाजार झोन में भेज दिया गया है.
* एफआईआर दर्ज करने से किया था इंकार
उल्लेखनीय है कि, विगत 20 फरवरी को मनपा में हुए एक आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों द्बारा सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न की गई थी. जिसके चलते आंदोलनकारियों के खिलाफ फौजदारी शिकायत दर्ज करवाने का आदेश आयुक्त आष्टीकर द्बारा जारी किया गया था. जीएडी के अधीक्षक ने यह काम धनंजय पाठक को सौपा. लेकिन पाठक ने ऐसा करने से यह कहते हुए साफ मना कर दिया कि, एफआईआर दर्ज करना उनका कार्य कक्षा में नहीं आता है और आयुक्त ने जिसे आदेश दिया है, वह खुद जाकर एफआईआर दर्ज करवाए. पाठक द्बारा दिया गया यह जवाब आयुक्त के कानों पर भी पहुंचा था. जिसके चलते पाठक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी हो सकती है, ऐसी चर्चा विगत सोमवार को जमकर चल रही थी, लेकिन पाठक की नौकरी पर आया खतरा केवल तबादले पर टल गया.