अमरावती

दीर्पाचन में गणगौर के उज्वने 4 अप्रैल को

माहेश्वरी मंडल का उपक्रम

अमरावती/दि. 28- माहेश्वरी समाज के महत्वपूर्ण त्यौहारों में एक महत्वपूर्ण त्यौहार गणगौर है. इस सुदी तीज को गणगौर की शुरूआत होती है. कुवारी कन्याएं मनोवांछित वर पाने तथा सुहागन महिलाए अखंड सौभाग्य के लिए ईसरजी और पार्वती की 16 दिन पूजा करती है. दूर्वा और जवारे से पूजा की जाती है और बिंदोरे निकाले जाते है. गणगौर के बिंदोरे में सभी महिलाए और लडकियां सजधज कर राजस्थानी भाषा में गीत गाते हुए मंदिर या बगीचे मेें जाकर कलश लाती है और 16 दिनों बाद गणगौर को बिदाई दी जाती है. जिन महिलाओं ने उद्यापन नहीं किए है वे 16 दिन करती है. जिसमें समाज की महिलाओं को भोजन कराया जाता है. आज के समय में सभी के घर या फ्लैट में जगह की कमी है. भोजन कराने की जगह, रसोई बनानेवाले को ढूंढना आदि समस्या रहती है.
माहेश्वरी मंडल हर वर्ष इस उज्वने का उपक्रम लेता है. इसी परपंरा को कायम रखते हुए इस वर्ष भी 4 अप्रैल को मंडल की ओर से दीपार्चन में उज्वने लिए जा रहे है. जिससे समाज की महिलाए बिना किसी परेशानी के ये उज्वने कर सके. अभी तक मंडल के पास 18 एंट्री आ चुकी है और जो भी उज्वने करवाने के इच्छुक है वे प्रभाजी झंवर 9823066500, प्रीति डागा 9422955642, अर्चना लाहोटी 9421741897 इस नंबर पर संपर्क कर सकते है.

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