अमरावती

गणेश मूर्ति प्लास्टर ऑफ पेरिस या मिट्टी की?

 प्रशासन व्दारा नहीं दी गई गाइडलाइन

  • मूर्तिकारों में इस साल भी संभ्रम कायम

अमरावती/प्रतिनिधि दि.30 – कोरोना महामारी से पहले ही मूर्तिकार त्रस्त हो चुके है. ऐसे में आगामी गणेशोत्सव के दरमियान गणेश प्रतिमा को लेकर मूर्तिकारों में संभ्रम की स्थिति बनी हुई है. पिछले साल के कटू अनुभव को देखकर मूर्तिकार किसी भी प्रकार की रिक्स लेने को तैयार नहीं है. शहर में लगभग 800 मूर्तिकार है. यह सभी मूर्तिकार पेशोपेश में है कि इस साल मिट्टी की या फिर प्लास्टर ऑफ पेरिस की गणेश मूर्तियां बनायी जाए.
पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से गणेशोत्सव में मूर्तिकारों का व्यवसाय ठप हो गया था. पिछले वर्ष की सामग्री मूर्तिकारों के पास अब भी पडी हुुई है. गणेशोत्सव आने ही वाला है किंतु अभी तक शासन की ओर से गणेश मूर्तियों के संदर्भ में किसी प्रकार की गाइडलाइन नहीं दी गई है. जिसके चलते मूर्तिकारों ने मूर्तियां बनाने की तैयारियां नहीं की. गणेशोत्सव की शुुरुआत में पीओपी पर पाबंदी लगा दी जाती है और कार्रवाई की धमकी शासन व्दारा दी जाती है और ऐन मौके पर प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति को शासन व्दारा अनुमति दे दी जाती है ऐसा आरोप मूर्तिकारों व्दारा प्रशासन पर लगाया है.
मूर्तिकारों का कहना है कि पीओपी की मूर्ति तैयार होने के पश्चात ऐन समय पर बंदी लगा दी गई तो हम क्या करेंगे. पीओपी की मूर्तियों को अनुमति दी गई तो बाहरी जिलों के व्यापारी अपना माल शहर में लाकर बेचेंगे ऐसा मूर्तिकारों का कहना है. हाल ही में गणेशोत्सव आने वाला है किंतु शासन व्दारा गाइडलाइन नहीं दिए जाने से मूर्तिकार संभ्रम की स्थिति में है.

राज्य में कहीं भी पीओपी पर बंदी का ठराव नहीं लिया गया किंतु अमरावती शहर में ही लिया गया है. पीओपी से किसी भी प्रकार का प्रदूषण होता नहीं है लैब व्दारा रिपोर्ट भी दी गई है उसके पश्चात भी हर साल पीओपी की मूर्तियों को लेकर प्रशासन व्दारा हंगामा मचाया जाता है प्रशासन मूर्तिकारो पर अन्याय बंद करे.
सचिन कोलेश्वर, मूर्तिकार

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