अमरावती/ दि.5- गणेशोत्सव के त्यौहार को कुछ ही दिन शेष रह गए है. साथ-साथ गणेश भक्तों ने उत्सव के लिए तैयारियां भी शुरु कर दी है. हालांकि इस साल इस त्यौहार पर महंगाई की मार पडेगी. पीओपी रंग, कच्चे माल सहित उपयोग में लाई जाने वाली सामग्रियों की कीमतों में होने वाली वृद्धि के कारण इस साल बाप्पा की मूर्तियां 20 से 25 फीसदी महंगी होगी, ऐसी जानकारी सुशील नगर स्थित मूर्तिकार संजय टेंभरे ने दी.
मूर्तिकार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश टेंभरे, अजय टेंभरे, संजय टेंभरे ने बताया कि उनके व्दारा तैयार की जाने वाली मूर्तियां देशभर में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भेजी जाती है. गणेशोत्सव को पखवाडे भर का समय शेष रह गया है. ऐसे में विभिन्न आकार और विभिन्न शैलियों की मूर्तियां बनायी जा रही है. इस साल मूर्ति बनाने में हर सामान की कीमत बढ गई है. पेंटर, कैथिया, सांचे, आभूषण सामग्री, प्लास्टर ऑफ पेरिस की कीमतों के साथ परिवहन लागत में वृद्धि हुई है. खडिया मिट्टी की मूर्तियां बनाने में लगने वाली सामग्रियों में साडू मिट्टी के साथ पेंट की कीमत बढ गई है. पीओपी की 20 किलो ग्राम के बैग के दाम करीब 10 प्रतिशत अधिक बढ गए हैं. इस साल गणेश प्रतिमाओं के दाम अधिक रहेंगे, ऐसा भी उन्होंने बताया.
* बडी मूर्तियों की डिमांड, मगर उपलब्धता कम
इस साल गणेशोत्सव के आयोजन में देरी हुई है, तो मूर्तिकार असमंजस में पड गए. जिससे मूर्तिकारों ने बडे आकार की गणेश मूर्तियां काफी कम प्रमाण मेें बनाई है. अब गणेश मंडलों व्दारा बडी मूर्तियों की मांग बढ रही है. समय की कमी के कारण मूर्तिकार सभी मंडपों की मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं. मूर्तिकार संजय टेंभरे के अनुसार कोरोना काल में केवल 4 फीट तक ऊंची मूर्ति स्थापित करने का नियम तय किया गया था. गत 3 साल से इसी के अनुसार ही मूर्तियां बनाई जा रही थी. परंतु इस साल यह प्रतिबंध हटा दिया गया है, जिसके कारण सभी मंडलों व्दारा बडी मूर्तियों की मांग की जा रही है. परंतु समय की कमी के कारण अधिक मूर्तियां उपलब्ध करवाना संभव नहीं है. इस बार गणेशोत्सव बडे ही उत्साह व धूमधाम से मनाया जाएगा.