अमरावतीमहाराष्ट्र

पडोसी को फंसाने गणेश पांडे की हत्या

आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने का रचा था प्लान

* पुलिस ने असल आरोपी को खोज ही निकाला
* आरोपी द्वारा मृतक की जेब में रखे खत ने ही उगल दिया राज
अमरावती/दि.18- गत रोज वलगांव पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत शिराला से देवरा-देवरी मार्ग स्थित खेत से बोराला गांव निवासी गणेश मारोतराव पांडे नामक 50 वर्षीय व्यक्ति की गला कटी हुई लाश बरामद हुई थी. जिसकी पडताल करने पर बेहद सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जिसके तहत पता चला है कि, बोराला गांव के रहनेवाले महेश श्यामराव सरोदे (40) ने अपने पडोसी को हत्या के मामले में फंसाने के लिए गणेश पांडे की गले पर कुल्हाडी मारकर हत्या कर दी और उसके शव को खेत में फेंकने के साथ ही अपने पडोसी को फंसाने के लिए मृतक की जेब में एक पत्र भी रख दिया. जिसमें पडोसी का नाम लिखा हुआ था. लेकिन इसी पत्र ने पूरे मामले से परदा उठा दिया और पुलिस ने गणेश पांडे को मौत के घाट उतारनेवाले महेश सरोदे को धरदबोचा. जिसने पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान अपना अपराध भी कबूल कर लिया है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक वलगांव परिसर स्थित होटल व्हाईट कैसल के मालिक बागडे के खेत में गणेश पांडे चौकीदारी का काम किया करता था तथा रोजाना बोराला गांव से खेत पर आना-जाना करता था. कल 17 मार्च की सुबह गणेश पांडे का शव शिराला परिसर के मुख्य रास्ते के पास स्थित खेत के पास बने गड्ढे से बरामद हुआ था. जिसके सिर व छाती पर तेज धारदार हथियार से वार किया गया था. जिसकी जानकारी मिलने पर जब पुलिस ने घटनास्थल का पंचनामा करते हुए मृतक के कपडों की तलाशी ली तो पुलिस को मृतक की जेब से एक पत्र मिला. जिसमें लिखा था कि, गांव में रहनेवाला अजय गणवीर उसे हमेशा प्रताडित करता है और अजय गणवीर ने उस पर बाइक जलाने का आरोप लगाया है. जिसके चलते उसे अजय गणवीर से जान का खतरा है. इस पत्र के प्राप्त होते ही वलगांव के थानेदार पीआय वैभव पानसरे तुरंत अपने दल के साथ बोराला गांव पहुंचे और उन्होंने अजय गणवीर से इस बारे में पूछताछ की तो अजय गणवीर ने पुलिस को बताया कि, उसका गणेश पांडे के साथ कभी कोई विवाद नहीं था. अलबत्ता उसके घर के सामने रहनेवाला महेश श्यामराव सरोदे उससे हमेशा बहस करता है और कुछ दिन पहले महेश ने उसकी बाइक भी चला दी थी. साथ ही अजय ने पुलिस को यह भी बताया कि, गणेश पांडे का इस पूरे मामले कभी कोई लेना-देना नहीं रहा. जिसके चलते वलगांव पुलिस को महेश सरोदे पर संदेह हुआ और पुलिस ने महेश सरोदे को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया. साथ ही पूछताछ के दौरान पुलिस ने महेश सरोदे को कागज और पेन देकर अपने बारे में पूरी जानकारी लिखने को कहा, जिसके बाद पुलिस ने मृतक गणेश की जेब से मिले पत्र और महेश द्वारा लिखी गई जानकारी की लिखावट की जांच की तो दोनों कागजों पर लिखी गई लिखावट एकसमान ही निकली. इसके बाद जब पुलिस ने महेश सरोदे को अपना ‘हाथ’ दिखाया तो महेश सरोदे ने गणेश पांडे की हत्या करने की बात कबूल करते हुए पुलिस को बताया कि, उसने अजय गणवीर को फंसाने के लिए ही गणेश पांडे को सुनियोजित ढंग से मौत के घाट उतारा. जिसके लिए उसने सबसे पहले अपनी बेटी की नोटबुक का पन्ना फाडकर उस पर एक पत्र लिखा और 16 मार्च की शाम को बागडे के खेत में जाकर गांव जाने के बहाने से गणेश की दुपहिया पर बैठा. इस बीच शिराला फाटे पर उसने गणेश पांडे को शराब पिलाकर कुल्हाडी से वार करते हुए उसे मौत के घाट उतार दिया और लाश को रास्त के निकट पेड से टिकाकर रखते हुए उसकी जेब में वह पत्र छोड दिया. उसे लगा था कि, उस पत्र के आधार पर पुलिस अजय गणवीर को हत्या के मामले में गिरफ्तार लेगी. लेकिन हकिकत में उसी पत्र के आधार पर पुलिस ने पूरे मामले का पर्दाफाश कर महेश सरोदे के गिरेबान पर हाथ डाला और उसे गिरफ्तार कर लिया.

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