अमरावती

विधिविधान व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गणगौर उत्सव

इस बार कहीं पर भी गणगौर यात्रा नहीं निकली, घर-घर हुआ पूजन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१५ – प्रतिवर्ष राजस्थानी समाज में चैत्र सुदी तीज को गणगौर की शुरूआत होती है. जिसके तहत होली के दूसरे दिन से गणगौर का प्रारंभ होता है और कुआरी लडकियों द्वारा मनवांछित वर पाने तथा सुहागिन महिलाओं द्वारा अपना सौभाग्य अखंड रखने हेतु शिव-पार्वती की 16 दिनों तक पूजा की जाती है. पश्चात 17 वें दिन दुर्वा व जवारे से पूजा करते हुए गणगौर के बिंदोरा निकलते है. जिसमें सभी महिलाएं और लडकियां अपने सिर पर कलश धारण कर किसी मंदिर या बगीचे में जाकर गणगौर को बिदाई देते है. पश्चात सभी में प्रसाद वितरित किया जाता है. प्रतिवर्ष राजस्थानी समाज की महिलाओं व युवतियों द्वारा गणगौर का उत्सव सामुहिक तौर पर मनाया जाता है. किंतु इस वर्ष कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए राजस्थानी समाज की महिलाओं व युवतियों ने अपने-अपने घरों पर रहकर ही पुरे विधि-विधान व हर्षोल्लास के साथ गणगौर पूजन किया. साथ ही अपने द्वारा किये गये गणगौर पूजन के छायाचित्र ‘अमरावती मंडल’ को उपलब्ध कराये. जिसके तहत दुर्गा व्यास, माया व्यास, निता व्यास, उषा व्यास, नेहा व्यास, मनस्वी व्यास, प्रिया पुरोहित, शोभा अचारे, वनिता डागा, शकुंतला डागा, दिशा डागा, उन्नति राठी, कृष्णा राठी, सीमा लढ्ढा, कार्तिक लढ्ढा, सुरभी अटल, सुशिला राठी, विजया राठी, ज्योति राठी, निकिता चांडक, आयुषी गोयनका, निधी अग्रवाल, कोमल अग्रवाल, प्राची गोयनका, समृध्दी केडिया, निधी प्रयाल, प्राची केडिया, निधी गट्टाणी, सेजल तिवारी, विभा सोलंकी, साक्षी व्यास, राशि व्यास, श्रेया मिश्रा आदि द्वारा बडे हर्षोल्लास के साथ गणगौर पूजन किया गया.

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