अमरावती

विद्युत नगर चौक में दी गई गानकोकिला लता दीदी को सामूहिक श्रध्दांजलि

सभी क्षेत्रों के गणमान्यों ने व्यक्त की अपनी शोक संवेदना

अमरावती/दि.7– भारतरत्न लता मंगेशकर का रविवार की सुबह इलाज के दौरान निधन हो जाने की खबर मिलते ही उनके चाहनेवालों में शोक की लहर व्याप्त हो गई है और जगह-जगह पर गानकोकिला व स्वरसाम्राज्ञी कही जाती लता मंगेशकर को श्रध्दांजलि देने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी के तहत बीती शाम स्थानीय विमवि रोड परिसर स्थित विद्युत नगर चौक में भारतरत्न लता मंगेशकर को विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्यों द्वारा एकत्रित होकर सामूहिक रूप से श्रध्दांजलि अर्पित की गई और सभी ने देश की इस महान गायिका के निधन पर अपनी शोंक संवेदनाएं व्यक्त की. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व विभागीय समन्वय संजय खोडके की अध्यक्षता में आयोजीत इस शोक सभा में गाडगेबाबा ज्येष्ठ नागरिक मंडल के अध्यक्ष डॉ. सतीश तराल, मावला संघटन के अध्यक्ष बालासाहेब कोराटे, भाऊराव हिवे, सुभाष गोहत्रे, देवा कर्मचारी संघटन के अध्यक्ष राजेंद्र म्हसके, रमेश मातकर, अहिल्या महिला परिषद की अध्यक्षा शारदा ढवले, विद्याताई बोबडे, रणरागिणी बहुद्देशीय संस्था की अध्यक्षा छबूताई मातकर आदी प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
इस अवसर पर सभी गणमान्यों ने अपने समयोचित विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, स्व. लता मंगेशकर ने अपनी आवाज व गीतों से भारतीय गीत व संगीत के क्षेत्र को वैभवशाली व समृध्द किया है और उनके इस योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा. साथ ही वे अपनी आवाज के जरिये चिरकाल तक अजरामर रहेगी. इस सामूहिक श्रध्दांजलि कार्यक्रम में क्षेत्र के नगरसेवक प्रशांत डवरे, नगरसेविका नीलिमा काळे, मंजुश्री महल्ले, प्रशांत महल्ले, प्रमोद महल्ले, गुड्डू धर्माले, योगेश सवई, वर्षा मोहोड, कल्पना ढोके, छाया औगड, नंदा औगड, प्रेमा लव्हाले, मेघा बोबडे, प्रणिता कोल्हे, नंदा चाफले, सुषमा घुरडे, मंदा कोल्हे, सुषमा भागवत, राजू डांगे, ज्ञानेश्वर ढोमणे, काशिनाथराव फुटाणे, अशोक इसल, विनायकराव अवघड, अविनाश मोहोड, रमेश ढवले, अविनाश बोबडे, विठ्ठलराव घुरडे, अरुण बांबल, वामनराव सरोदे, मदनराव मुंदाने, संजू अवघड, ज्ञानेश्वर फुटाणे, बबलू वाडेकर, रामदास चारथल, प्रवीण भागवत, किशोरराव बोराडे, रामहरी घुरडे, प्रदीप कोल्हे, प्रमोद घुरडे, नरेंद्र अंभोरे, बबनराव काले, दिलीप घुरडे, संदीप जुनघरे, नंदकिशोर नवरे, अण्णासाहेब पाटील, डॉ. शीतल तायडे, रवी बोबडे, राजू काले, नीरज मातकर, बबन ढगे, बबलू ढोरे, श्याम पाटील, निलेश मातकर, श्याम करडे, अनिकेत मातकर, रामदासजी फुटाणे, ऍड. अचल कोल्हे, हरिभाऊ पुनसे, प्रभाकर उमक, राजेश बर्वे, राजेंद्र कुर्हेकर, अनिल लव्हाले, नारायण घुरडे, आनंद इसल, विजय सराफ, किशोर निचत, संजय देशमुख, राजाभाऊ देशमुख, रवींद्र येवले, प्रदीप कोल्हे, इंजि. आनंदराव जवंजाल, ज्ञानेश्वर फुटाणे, विनायक औगड, प्रशांत शाहाकार, दिलीप घुरडे, वसंतराव वांगे, अशोक गंधे, डॉ. अविनाश मोहोड, राजेश तोमर, कैलास मोहोड, रुपेश रघुवंशी, प्रभुदास फंदे, अंबादास चारथड, महादेवराव चारथड, श्रीकृष्ण गादे, एन. ए. मातकर, संजय उर्फ छोटू देशमुख, प्रकाश चुले, विशाल भगत, नानासाहेब लव्हाले, सचिन साबले, प्रशांत बोबडे, विनोद तिडके, रामदास विंचूरकर, सुनील यादव, रमेश महल्ले, नीरज रकावा, परशराम ओलंबे, रूपरावजी इंगले, हरिभाऊ पुनसे, गजानन पुंडकर, किशोर बोराटे, एन. जे. राऊत, व्ही. के. रामटेके, एस. डब्ल्यू भुयार, व्ही. बी. घायवट, समाधान वानखडे, सुरेश बारसे, रामदास चारथल, प्रा. सुरेश कोकाटे, गजानन वानखडे, गोवर्धनराव ठाकरे, अनिलराव देशमुख, पोहोणकर, पी. एम. फुलवणे, ए. जी. बोन्डे, भाऊराव हिवे, प्रमोद कालमेघ, विशाल भगत, प्रल्हाद कपले, पुरुषोत्तम गावंडे, मुरलीधर मेहरे, नाना चौधरी, डॉ. प्रशांत चर्‍हाटे, राजेंद्र टाले, लक्ष्मण ठाकरे, सुयोग तायडे, राजेंद्रसिंह कश्यप, आकाश वडनेरकर, दिनेश मेश्राम आदीं सहित स्थानिय नागरिक एवं विविध संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे.

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