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कल गाजे बाजे से गणपति का आगमन

माझ्या पप्पानी गणपति आणला...

* बाजार में अपार उत्साह
* गली-गली मेें सजे पंडाल
* घर-घर में स्थापना हेतु तैयारी पूर्ण
* मिट्टी के गणेश स्थापित करने पर शहरवासियों का रुझान
अमरावती/दि.6 – विघ्नहर्ता गणेशजी का कल गणेश चतुर्थी के अवसर पर आगमन हो रहा है. अंबानगरी और जिला 10 दिवसीय गणेशोत्सव के लिए रेडी है. बच्चों-बूढों के साथ सभी में अपार उत्साह देखा गया है. नगर के अनेक भागों में मिट्टी की मूर्तियों के स्टॉल सजे है और वहां खरीददारों की भीड उमडी है. इधर पुलिस प्रशासन ने भी मोर्चा संभाल लिया है. शहर और जिले के हजारों अधिकारी-कर्मियों के साथ-साथ एसआरपी प्लाटून तैनात की जा रही है. सुरक्षा व्यवस्था को सीपी नवीनचंद्र रेड्डी और एसपी ग्रामीण विशाल आनंद सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं.
* शहर में उल्लास, उमंग
अंबानगरी में विघ्नविनाशक गणपति के आगमन से सर्वत्र उल्लास, उमंग का वातावरण है. गली-गली में पंडाल तो सजे ही है. बालगोपालों में घरों में गणपति की स्थापना को लेकर जोश अलग ही दिखाई दे रहा है. नाना प्रकार की मूर्तियों से मार्केट सजा है. इसलिए अपने पसंद के गणपति लाने पर बच्चों का जोर है. वे माता-पिता के साथ स्टॉल-स्टॉल जाकर मूर्तियां पसंद कर रहे हैं. गणपति के नानाविध रुप उन्हें लुभा रहे है.
* बाल रुप पर विशेष रुझान
इस बार गणपति की मिट्टी की मूर्तियों में बालरुप को लेकर सभी आयु वर्ग के भक्तों में विशेष रुचि दिखाई देने की बात एक विक्रेता विश्वकर्मा ने बतायी. उन्होंने बताया कि, कई घरों से बालरुप गणेश के विशेष मुद्रा वाले ऑर्डर मिले. उस मुताबिक मूर्तियां तैयार कर दी गई. शिवजी की पूजा करते गणपति के स्वरुप के साथ ही इस बार शिव रुप में बाल गणेश भी काफी पसंद किये जा रहे है. उसी प्रकार गणपति के दगडू सेठ रुप और सिंहासन पर विराजमान मूर्तियां अभी भी पहली पसंद बने है. उपरान्त सिद्धिविनायक स्वरुप की काफी डिमांड रहने की जानकारी मूर्तिकार जिराफे ने दी.
* नेहरु मैदान में सजा मार्केट
नेहरु मैदान में मनपा ने मिट्टी के गणपति की स्थापना को बढावा देने के उद्देश्य से मूर्तिकारों को स्टॉल की परमिशन दी है. वहां लगभग 50 स्टॉल इन मिट्टी की मूर्तियों के सजे है. उसी प्रकार गुरुवार से ही लोग यहां मूर्तियां खरीदने और बुक करने आ रहे है. छोटी मूर्ति 301 रुपए से लेकर 3 हजार रुपए तक रहने की जानकारी मूर्तिकार विश्वकर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि, शुद्ध मिट्टी की मूर्तियां बनाना सहज नहीं है. विशेष कर उन्हें रंग देना और उन पर गहनों आदि का साज बडा मुश्किल होता है. किंतु आकर्षक मूर्तियां सभी को लुभा रही है. आज ही अनेक खरीददार पहुंच गये थे. कई लोगों ने घरों मेें मूर्तियों की स्थापना के लिए साफ सफाई कर तैयारी कर ली है.
* ढोल-ताशे तैयार, गणपति बाप्पा मोरया की पट्टीयां
गणपति के आगमन का जोश इस कदर है कि, भक्त गुलाल और ढोल ताशे लेकर तैयार है. जिससे ढोल-ताशे के वादकों में भी जोश है. उनके भी भाव बढ गये है. हाल के वर्षों के ढोल पथक के चलन से भी शोभायात्राएं इन पथकों से सज रही है. प्रमुख मंडलों ने अपनी शोभायात्रा के लिए पथक बुक कर रखे है. उसी प्रकार बैंड बाजा और रथों को तैयार किया गया है. कल उत्साह उमंग से रिद्धि सिद्धि के दाता की अगुवानी होगी. उपरान्त 10 दिनों तक घर घर में उनकी आवभगत होगी. जिसकी तैयारी में सभी गृहणियां और भक्त बडे जोश और उतनी ही श्रद्धा से जुटे हैं.

* गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त
पंडित करण महाराज पुरोहित के अनुसार भाद्रपद मासे शुक्ल पक्षे चतुर्थी तिथि शनिवार 7 सितंबर को पूजन का श्रेष्ठ समय मध्यकाल वृश्चिक लग्न का है. उसी प्रकार शुभ बेलाए सबेरे 7.45 से 9.18 तक, अभिजीत मध्यकाल 11.28 से 1.40 बजे तक है. चंचलबेला दोपहर 12.25 से 1.58 तक, लाभ बेला दोपहर 1.58 से 3.31 तक अमृत बेला दोपहर 3.31 से 5 बजकर 4 मिनट तक और लाभ बेला शाम 6.36 से 8.4 मिनट तक है.

पंडित करण गोपाल पुराहित ने बताया कि, गणेश जी का पूजन एक चौकी पर पीले और लाल वस्त्र बिछाकर उस पर चावल का स्वस्तिक बनाकर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा को स्थापित करें. कलश की स्थापना करें. उपरान्त पंचोंपचार व षोड्षाचार पूजन करें. विशेष रुप से गणेश जी को 21 मोदक नैवेद्य, 21 तार की दुर्वा, शमीपत्र, लाल फूल, मिष्ठान, फल आदि चढाए.

* वृश्चिक लग्न सर्वश्रेष्ठ
गणेश जी की स्थापना हेतु कल शनिवार को वृश्चिक लग्न सहित मध्यान्ह काल 11.28 से 1.40 बजे तक सर्वश्रेष्ठ समय रहेगा.

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