दिल्ली अपोलो मैराथन में दौडे उद्योजक भाराणी, परतानी
जनपथ, कर्तव्यपथ, इंडिया गेट के पास से गुजरे
* 21 किमी की दौड पूर्ण की
अमरावती/दि.27- शहर के युवा उद्योजक नरेंद्र भाराणी ने देश-विदेश की लंबी दौड अर्थात मैराथन स्पर्धा में भाग लेना लगातार जारी रखा हैं. ऐसे ही शहर के दूसरे युवा उद्यमी नीलेश परतानी ने भी मुंबई की टाटा अल्ट्रा दौड पश्चात दिल्ली अपोलो मैराथन पूर्ण की. उल्लेखनीय है कि नरेंद्र भाराणी अब तक अनेक दौड में सहभागी हुए हैं. नई दिल्ली की मैराथन दोनों ने ही सबसे खास होने की बात कही. भाराणी ने बताया कि, दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम से यह मैराथन शुरु हुई. 21 किमी की हॉफ मैराथन में लगभग 4 हजार धावको ने चाव से हिस्सा लिया. कर्तव्यपथ, जनपथ, इंडिया गेट ऐसे महत्वपूर्ण स्थलों से यह मैराथन गुजरी. भाराणी ने बताया कि, इस वर्ष 16 हजार लोग दौडे जिसमें से 4 हजार ने 21 किमी की हॉफ मैराथन पूर्ण की. भाराणी और परतानी ने दौड पूर्ण की. भाराणी ने बताया कि, भारत की सबसे प्रतिष्ठित मैराथन में दिल्ली मैराथन का समावेश है. ऐतिहासिक धरोहरों के सामने से रनिंग करना अपने आप में रोमांचक होता है. ऐसे ही मैराथन में भाग लेना एक शानदार अनुभव रहा. नीलेश परतानी और भाराणी कहते है कि खुद को फीट रखने के लिए दौडना सबसे अच्छा पर्याय हैं. उन्होंने अमरावती के अधिकाधिक लोगों से रनर ग्रुप में शामिल होने की अपील की हैं.
* ज्योति ने पूर्ण की अल्ट्रा मैराथन
लोणावला में हुई टाटा अल्ट्रा मैराथन 50 किमी की अत्यंत कठिन दौड मानी जाती है. इसमें अमरावती की युवा महिला उद्योजिका ज्योति नीलेश परतानी ने पूर्व सेल टैक्स उपायुक्त दिलीप पाटिल, दीपमाला सालुंके, तनवी अंबुलकर, भरत मालानी, संजीव नाहटा एवं आशीष अडवानीकर के साथ यह कठिन मैराथन पूर्ण कर अमरावती का परचम लहरा दिया. उल्लेखनीय है कि अमरावती रोड रनर्स के उपरोक्त सभी सदस्य उद्योजक, व्यापारी, प्रोफशनल्स और सरकारी अधिकारी हैं. अपनी व्यस्त दिनचर्या से रोज दौडना और स्वयं को फीट रखना उनका शगल है. दिलीप पाटिल ने फिटनेस का जोरदार संदेश दिया हैं. 65 वर्ष की उम्र में भी वे 20 वर्षिय युवा से तेज दौडते हैं. ज्योति परतानी यशस्वी उद्यमी हैं. पिछले 5 वर्षो से लगातार रन कर रही हैं. देश की प्रसिद्ध मैराथन में हिस्सा ले चुकी हैं. ज्योति ने कहा कि फीट रहने के लिए सबसे सस्ता और बढिया उपाय रनिंग हैं. ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसे अपनाना चाहिए.