अमरावती

हींदूस्मशान भूमि में गैस शवदाहिनी वेटींग पर!

कोरोना महामारी में चल रहा रुद्रावतारी मृत्यु तांडव

  • कल ११ मरीजों के मौत की जानकारी आयी थी सामने

  • लगातार बढ रहा कोरोना मृतकों का आंकडा

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१६ – कोरोना महामारी ने अमरावती शहर में अब कहर बरपाना शुरु कर दिया है और कोरोना की वजह से मौत का रुद्रावतारी तांडव शुरु हो चुका है. कोरोना संक्रमण की वजह से मरने वाले अधिकांश मरीजों का अंतिम संस्कार हींदूस्मशान भूमि की गैस शवदाहिनी में किया जाता है. जहा पर एक पार्थिव देह का अंतिम संस्कार करने हेतु करीब २ से ढाई घंटे का समय लगता है. किन्तु जहा एक ओर सोमवार को इस गैस शवदाहिनी के एक यूनिट में कुछ तकनिकी खराबी आ गई वहीं दूसरी ओर सोमवार से मंगलवार के दौरान कोरोना के चलते ११ लोगों की मौत हो गई. ऐसे में हींदूस्मशान भूमि की गैस शवदाहिनी के बाद मृतकों के पार्थिव शरीरों की कतार लग गई. उल्लेखनिय है कि, एक के बाद एक ११ शवों का अंतिम संस्कार निपटाने हेतु करीब ३३ घंटे का समय लगना तय था. साथ ही इसी दौरान जिला सामान्य अस्पताल प्रशासन द्बारा हींदूस्मशान संस्था को संदेश दिया गया कि, और ४ से ५ कोरोना संक्रमितों के पार्थिव शरीर दाह संस्कार हेतु भेजे जा रहे है. ऐसे में वेटींग लिस्ट का बढना तय था. बता दें कि, सितंबर माह में कोरोना संक्रमितों की मौत के मामलों में बढी तेजी से वृद्धी हुई है और विगत १४ दिनों के दौरान ६७ कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई है. इसमें भी मंगलवार को ११ लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आयी. वहीं इससे पहले विगत ४८ घंटों में भी ११ कोरोना संक्रमितों की मौत हुई थी. मंगलवार को स्मशान भूमि पर पहले ११ व पश्चात भेजे गये ३ ऐसे १४ कोरोना संक्रमितों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया. ज्ञात रहे कि,हींदूस्मशान भूमि की गैस शवदाहिनी में २ यूनिट है और सोमवार की सुबह ९ बजे से इन दोनों यूनिट पर कोरोना संक्रमितों के शवों का अंतिम संस्कार करने की शुरुआत की थी. प्रत्येक ढाई से ३ घंटे में एक शव का अंतिम संस्कार पूरा हो रहा था, किन्तु अपरान्त २ बजे यहा पर एक यूनिट बंद पड गया, जिसकी वजह से यहां पर पार्थिव देहों की कतार बढने लगी. अपरान्त २ बजे तक करीब ४ से ५ शवों का अंतिम संस्कार हो चुका था और १ यूनिट बंद हो जाने की वजह से शेष ६ शवों को अंतिम संस्कार हेतु देर रात तक वेटिंग में रहना पडा. वहीं दूसरी ओर मंगलवार को ११ पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार हेतु कतार में रहने के दौरान ही यहां पर और ३ शव अंतिम संस्कार के लिए लाये गये. जिसकी वजह से कतार और भी बढ गई. पश्चात इन ३ मृतदेहों का अंतिम संस्कार पारंपारिक तरीके से स्मशान घाट के ओटो पर किया गया.

लगातार बढ रहा काम का बोझ
एक के बाद एक आते कोरोना संक्रमित शवों तथा नैसर्गिक रुप से मृत होने वाले लोगों के शवों के यहां पहुंचने की वजह से स्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के काम का बोझ लगातार बढ रहा है. साथ ही अंतिम संस्कार के लिए भी कतार लगने की वजह से मृतदेहों के साथ आने वाले संबंधित परिजन भी इंतजार करते-करते थक जाते है. जिसकी वजह से यहां पर पहली बार लोगबाग अपने द्बारा लाये गये पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार जल्द से जल्द और पहले करने के लिए हींदूस्मशान भूमि में एक-दूसरे के साथ ही स्मशान घाट के कर्मचारियों के साथ भी वाद-विवाद करते देखे जा रहे है.

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