देसी गायों को राज्य माता की श्रेणी देने का गौरक्षण द्वारा स्वागत
गौमाता को कटने से बचाने का बडा फैसला
* रोज 30 रुपए चारे के भी मिलेंगे
अमरावती/दि. 30 – राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा देसी गायों को राज्य माता-गौमाता का दर्जा दिए जाने के निर्णय को अमरावती गौरक्षण संस्था ने स्वागत योग्य बडा निर्णय निरुपित किया है. गौरक्षण संस्था के अध्यक्ष एड. आर. बी. अटल, सचिव दीपक मंत्री ने राज्य के निर्णय से गौमाता के कटने पर अंकुश लगने की बात कही है. यह भी कहा कि, कृषि, पशुसंवर्धन और दुग्ध व्यवसाय विकास विभाग द्वारा रोज चारे के प्रति गाय 30 रुपए के अनुदान का निर्णय भी स्वागत योग्य एवं क्रांतिकारी है. इससे लोग गायों को कटने से बचाने कम से कम गौरक्षण संस्थाओं में लाकर देंगे. गौमाता कटने से बच जाएगी, यह गौरक्षण संस्था के लिए बडी बात है. संस्था का नाम ही गौरक्षा है.
* इन देसी गायों का संवर्धन
सचिव दीपक मंत्री ने बताया कि, पशुसंवर्धन व दुग्ध व्यवसाय विकास मंत्रालय के उपसचिव निवृत्ति मराले ने शासनादेश जारी किया है. जिसके अंतर्गत मराठवाडा विभाग की देवनी, लालगंधारी, पश्चिम महाराष्ट्र की खिल्लार, उत्तर महाराष्ट्र की डांगी एवं विदर्भ की गवलाऊ देसी गायों को राज्यमाता गौमाता घोषित किया गया है. इन देसी गायों की संख्या दिनोदिन तेजी से घट रही थी.
* दूध अत्यंत पौष्टिक
सरकारी अध्यादेश में कहा गया कि, देशज गायों का दूध मानवी आहार में अत्यंत पौष्टिक और मूल्यवान है. मानव शरीर के पोषण हेतु गाय के दूध में महत्वपूर्ण अन्नघटक रहने से वह पूर्ण अन्न है. देशज गायों के दूध का आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी पंचगव्य के उपयोग होता है. सेंद्रीय खेती पद्धति के लिए देशज गायों का गोधन एवं गौमूत्र का महत्व है. गौरक्षण संस्था के अध्यक्ष एड. आर. बी. अटल और सचिव दीपक मंत्री ने उपरोक्त निर्णय के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व अजीत पवार एवं गौसेवा आयोग के राज्य अध्यक्ष शेखर मूंधडा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है. उल्लेखनीय है कि, अमरावती गौरक्षण संस्था में 100 से अधिक गौलाऊ गौमाता का संगोपन हो रहा है.