अमरावती

गाविलगड किले में लगी भीषण आग

ऐतिहासिक किले की आग पर 7 घंटे में पाया काबु

* मेलघाट के जंगलों में लगातार आग का तांडव जारी
धारणी/ दि.6 – विदर्भ के नंदनवन के रुप में पूरे राज्य में विख्यात चिखलदरा पर्यटन स्थल में ऐतिहासिक गाविलगड किला है. इस किले में बीते गुरुवार की दोपहर 12 बजे आग की लपटे उठने लगी. इस आग में भारी पैमाने में वन संपदा जलकर खाक हो गई. किले को देखने के लिए भीड उमड पडी थी. आग बुझाने के लिए टायगर प्रोजेक्ट के वनरक्षक व कर्मचारी ने काफी प्रयास किये. काफी मेहनत के बाद शाम 7 बजे तक आग पर काबु पाने में सफलता मिली.
गाविलगड किले में आग पर काबु पाने के लिए दिनेश वालके, वनपाल, वनरक्षक ने काफी मेेहनत की. गर्मी के मौसम में सुखा कचरा और तेज हवा की वजह से आग काफी तेजी से फैलने लगी. पिछले दो साल की तुलना में इस वर्ष मेलघाट में रोजाना आग लगने की खबर मिल रही है. आग की वजह से पडे पैमाने में वन संपदा का भारी नुकसान हो रहा है. इस वजह से वन्य प्राणी भी जंगल से गांव व शहर की ओर रुख कर रहे है. जिससे मनुष्य के साथ संघर्ष बढने का खतरा निर्माण हुआ है. गाविलगड किले में लगी भीषण आग को देखकर सैकडों पर्यटक उल्टे पांव भाग गए. गाविलगड परिक्षेत्र के जंगल में पिछले दो वर्षों से मवेशियों के चराई पर बंदी और कुल्हाडी ले जाने पर पाबंदी लगाई गई है. इसी वजह से यहां के जंगल में आग लगाने का संदेह वन विभाग के अधिकारियों ने व्यक्त किया है.

चरवाहों ने लगाई होगी आग!
गाविलगड किला परिसर में लगी आग अब पूरी तरह से काबु में है. गाविलगड किला परिसर के जंगल में मवेशी चराई पर पाबंदी लगाई गई है, इसी वजह से चरवाहों ने आग लगाई होगी, ऐसा संदेह व्यक्ति किया गया है.
– दिनेश वालके, वनपरिक्षेत्र अधिकारी, चिखलदरा

 

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