अमरावतीमहाराष्ट्र

बाजार में गवार फल्ली भी खा रही भाव

आवक कम व मांग अधिक रहने से बढे दाम

* कम पानी व हलकी जमीन में होती है पैदावार
* अन्य जिलों से होती है गवार की आवक
अमरावती /दि. 27– जिले में खरीफ व रबी फसलों का बुआई क्षेत्र काफी अधिक है. साथ ही कई किसान अपने खेतो में साग-सब्जियों की बुआई करते है और अच्छा-खासा फायदा भी कमाते है. जिनमें कम पानी व हलकी जमीन में उगनेवाली गवार फल्ली का भी समावेश होता है. इस समय बाजार में गवार फल्ली की आवक काफी कम है, ऐसे में अच्छी-खासी मांग रहने के चलते गवार फल्ली के दामों में तेजी है. इस समय गवार फल्ली थोक बाजार में 40 से 50 रुपए तथा फुटकर बाजार में 80 से 100 रुपए प्रति किलो की दर पर बिक रही है.
उल्लेखनीय है कि, सुदृढ स्वास्थ के लिए पौष्टिक आहार का अपना महत्व है. इसी बात के मद्देनजर भोजन में विविध जीवनसत्व रहनेवाली साग-सब्जियों का प्रयोग किया जाता है. प्रत्येक साग-सब्जी में जीवनसत्व के घटक अलग-अलग होते है. जिनमें विविध जीवनसत्व रहनेवाली गवार फल्ली का भी समावेश है. कम पानी व हलकी जमीन में भी गवार का बेहतरिन उत्पादन होता है, परंतु इस वर्ष औसत से अधिक बारिश होने के चलते गवार की उपज का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है और बुआई क्षेत्र भी कम रहा है. जिसके चलते बाजार में गवार फल्ली की आवक काफी कम हुई. जबकि मांग अच्छी रहने के चलते बाजार में गवार फल्ली को अच्छे दाम मिल रहे है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि, जिले में साग-सब्जियों का बुआई क्षेत्र काफी कम है. जिसके चलते कुछ साग-सब्जियों हेतु अन्य जिलों पर भी निर्भर रहना पडता है.

* छोटे-बडे सभी को पसंद आती है गवार फल्ली
गवार पल्ली पूरे सालभर 12 महिने उपलब्ध रहती है और इसकी सब्जी छोटे बच्चों से लेकर बडे लोगों तक सभी को पसंद आती है. जिसके चलते इस सब्जी को बाजार में अच्छे दाम मिलते है. साथ ही घर में रखी गवार फल्ली लंबे समय तक खराब भी नहीं होती.

* विटामीन-ए, बी, सी तथा लोहतत्व व फॉस्फरस का स्त्रोत
गवार फल्ली को विटामीन-ए, बी, सी तथा लोहतत्व व फॉस्फरस का स्त्रोत माना जाता है. जिसके सेवन से पेट की बीमारियां कम होती है. ऐसे में गवार फल्ली का आहार में विशेष स्थान है.
– इसके अलावा पचन संबंधि विकारों पर भी गवार फल्ली बेहद उपयोगी है. साथ ही रक्तदाब व रक्तशर्करा को नियंत्रित रखने में भी सहायता करती है. गवार फल्ली का नियमित सेवन करने से वजन कम होने में सहायता होती है, ऐसे में इसे बेहद उपयोगी सब्जी माना जाता है.

* मध्यम व हलकी जमीन में फसल
गवार की फसल किसी भी तरह की जमीन में ली जा सकती है. इसमें भी प्रमुख तौर पर मध्यम प्रतवारी की जमीन में गवार फल्ली की अच्छी फसल आती है और पानी जमा नहीं होनेवाली जमीन इस फसल के लिए काफी बेहतर होती है.

* गारंटीड फायदा देनेवाली फसल
स्वास्थ के लिए कई लोग गवार फल्ली का सेवन करते है. साथ ही कई लोग भोजन के साथ कच्ची फल्ली भी खाते है. जिसके चलते गवार फल्ली की पूरे सालभर मांग बनी रहती है. जिसकी तुलना में आवक कम रहने के चलते गवार फल्ली को हमेशा ही अच्छे दाम भी मिलते है. ऐसे में यह सब्जी उत्पादक किसानों को गारंटीड लाभ देनेवाली फसल है.

* गवार से गोंद, हरा चारा व खाद भी मिलते है
गवार की हरी फल्लीयों की सब्जी बनाई जाती है, इसके अलावा गवार से ‘गवार गम’ नामक गोंद और हरा चारा भी मिलता है. गवार से मिलनेवाले गोंद का उपयोग कागज, कपडे, रंग, रसायन व तेल उद्योग के लिए किया जाता है.
– सौंदर्य प्रसाधन, खाद्य पदार्थ व विस्फोटक पदार्थों के उत्पादन में भी उपयोग होने के चलते गवार एक बहुपयोगी फसल साबित होती है. ऐसे में कई स्थानों पर गवार का व्यवसायिक उद्देश्य से भी उत्पादन किया जाता है.

* कम समय व कम पानी में भी उत्पादन
गवार यह उष्ण वातावरण में आनेवाली फसल है तथा खरीफ व रबी ऐसे दोनों सीजन में गवार का उत्पादन लिया जा सकता है.

* सुरती, सदाबहार व नवबहार की उपज अधिक
गवार की फसल की अलग-अलग जातियां भी है. जिनमें से सुरती गवार, पुसा गवार, नवबहार गवार, सदाबहार गवार व देशी गवार की बुआई अधिक प्रमाण में की जाती है. सब्जी उत्पादक किसानों द्वारा अपनी कृषि जमीन की गुणवत्ता के हिसाब से फसल के प्रकार का चयन करते हैं.

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