अमरावती

गायत्रीदेवी मृत्यु के बाद भी देखेगी दुनिया

अग्रवाल परिवार ने नेत्रदान करने का लिया महान फैसला

संकल्प सेवा अचलपुर और हरिना फाउंडेशन का सहयोग
परतवाडा/दि.9 – अपनों के जाने के बाद भी उनके आंखों से कोई दुसरा व्यक्ति दुनिया देख सकता है. यह संकल्पना अपने आप में गर्व करने वाली बात है. इस तरह जनजागृति कराने का काम पीछले कई वर्षों से संकल्प सेवा अचलपुर और हरिना फाउंडेशन शाखा परतवाडा द्बारा किया गया है. इसी श्रृंखला में हर दिन कई लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया जाता है. इस दौरान 7 जनवरी को परतवाडा शहर के प्रतिष्ठित समाज सेवक सुभाष अग्रवाल की धर्मपत्नी गायत्रीदेवी का निधन हो गया. इस समय वे 62 वर्ष की थी. राजनीति के साथ सामाजिक कार्यों में अग्रसर उनके सुपुत्र भावेश अग्रवाल व सोमेश अग्रवाल ने उनकी माताजी का नेत्रदान करने का निर्णय लिया. भावेश अग्रवाल का पूरा परिवार हमेशा ही सामाजिक कार्यों में अग्रसर रहा है. धार्मिक प्रवृत्ति वाली उनकी माताजी गायत्रीदेवी ने अपने बच्चों को हमेशा सद्मार्ग पर चलने की शिक्षा दी. उसी शिक्षा के बदौलत भावेश और सोमेश समाज व शहर में प्रतिष्ठित मुकाम पर पहुंचे है. मां की मृत्यु का गम बर्दाश करना इतना आसान नहीं है. एक तरफ पिता को संभाला और दूसरी तरफ मां के नेत्रदान करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया.
नेत्रदान करने का निर्णय लेते ही अग्रवाल परिवार की संकल्प सेवा समिति व हरिना फाउंडेशन शाखा परतवाडा ने उनकी सराहना की. उसके बाद गायत्रीदेवी की मृत्यु के उपरान्त उनके नेत्रदान किए गए. अब वे मृत्यु के बाद भी दुनिया देख सकेगी. नेत्रदान के समय सुधीर ठवली, पंकज शर्मा, कवी उज्वल अग्रवाल, राजेश अग्रवाल बैंक वाले, अनिल लोकवाणी, सुनील बूब, राजेंद्र चांडक, पंकज मालवीय, भरत अग्रवाल, प्रशांत राठी अमरावती, नरेश सोनी, डॉ. तट्टे (इर्विन अस्पताल), नीलेश ढेकले आदि मान्यवरों के साथ संकल्प सेवा समिति अचलपुर के डॉ. विजय वर्मा, राजेश अग्रवाल, राजेंद्र चांडक, सुनील बूब, अनिल लोकवाणी, भरत अग्रवाल, संतोष केडिया, गोपाल खेतान, पंकज मालवीय, डॉ. अमर जयस्वाल, योगेश दुरतकर, नीलेश चेडे, दीपक अग्रवाल समेत अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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