अमरावतीविदर्भ

ग्रामविकास प्रारूप, पीपीई कीट व मानापमान को लेकर तपी जिप की आमसभा

पूरा समय बनी रही हंगामखेज स्थिति

कई बार जिप अधिकारियों को सुनने पडे खडेबोल

प्रतिनिधि/दि.२१

अमरावती – गत रोज जिला परिषद की आमसभा में पूरा समय हंगामाखेज स्थिति बनी रही और गांव विकास प्रारूप तथा किसानों को कीटनाशक दवाईयों के छिडकाव हेतु पीपीई कीट दिये जाने के साथ ही जिप पदाधिकारियों व सदस्यों के मानापमान को लेकर वातावरण जबर्दस्त ढंग से तपा रहा. इसके अलावा विभिन्न विषयों को लेकर अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को जिप अध्यक्ष सहित जिप पदाधिकारियों द्वारा खडे बोल भी सुनाये गये.

जिप की सभा मं सर्वप्रथम यह मामला उठा कि, जिप अधिकारियों द्वारा जिप पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ सम्मानपूर्ण व्यवहार नहीं किया जाता तथा शिकायतों व सवालों पर टालमटोलवाले जवाब दिये जाते है. जिसके बाद जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख ने इस बात को लेकर संताप व्यक्त करते हुए जिप अधिकारियों को जमकर आडे हाथ लिया. साथ ही कहा कि, जिप के हर एक अधिकारी ने जिप सदस्यों द्वारा पेश की जानेवाली शिकायतों व मसलों को बेहद गंभीरतापूर्वक लेते हुए काम करना चाहिए. इस आमसभा के दौरान पूर्व उपाध्यक्ष दत्ता ढोमणे ने बताया कि, मोर्शी तहसील के रिध्दपुर जिप सर्कल अंतर्गत काटपुर गांव में राष्ट्रीय पेयजल योजना के तहत ५८ लाख रूपये का काम चल रहा है, लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बावजूद भी यह काम पूरा नहीं हुआ है. इस पर जिप अध्यक्ष ने जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों को जवाब देने हेतु कहा तो संबंधित अधिकारी ने सभागृह को बताया कि, उनके पास अब तक इस विषय को लेकर कोई शिकायत नहीं आयी है. जबकि पूर्व उपाध्यक्ष दत्ता ढोमणे खुद इस विषय को लेकर अनेकों बार शिकायतें कर चुके है. यह बात समझ में आते ही जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख ने संबंधित अधिकारी को खडे बोल सुनाते हुए कहा कि, आप जिप सदस्य द्वारा रखी जा रही बातों को हलके में ले रहे है. साथ ही इस समय सभी जिप सदस्य बेहद आक्रामक हो गये.

इसके बाद गांव विकास प्रारूप व मंजूरी के मुद्दे को लेकर इस आमसभा में जबर्दस्त घमासान हुआ. जिप सदस्य जयंत देशमुख ने कहा कि, १५ वें वित्त आयोग में ग्राम पंचायतों को ८० फीसदी निधी देने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है और इस निधी से गांव विकास प्रारूप में शामिल विकास कार्य किये जायेंगे, लेकिन इस समय ग्रामपंचायतों पर ग्रामसेवक व प्रशासक की नियुक्ती की गई है. जिसकी वजह से इस निधी के तहत विकास काम करते समय किस बात को प्राथमिकता दी जाये, यह अपने आप में बडी समस्या है. ऐसे में १५ वे वित्त आयोग से गांव स्तर पर विकास कार्य करने हेतु प्रारूप को मंजूरी देने का अधिकार जिला परिषद को दिया जाये. इस प्रस्ताव को आमसभा में सर्वसम्मति से पारित करते हुए इसे सरकार के पास भेजने का निर्णय लिया गया है.

इसके साथ ही इस आमसभा में जिप सदस्य प्रकाश साबले ने बताया कि, विगत कुछ दिनों के दौरान खेतों में कीटनाशक दवाईयों की फवारणी करते समय कई किसानों व खेतीहर मजदूरों की मौत हुई है. इसे देखते हुए फवारणी के दौरान खेतीहर मजदूरों को सुरक्षा कीट उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संबंधित खेतमालिक पर डालने का निर्णय तत्कालीन सरकार द्वारा पारित किया गया था. साथ ही कीटनाशक दवाईयोें का छिडकाव करते समय किसी मजदूर की विषबाधा के चलते मौत हो जाने की स्थिति में संबंधित खेतमालिक पर सदोष मनुष्यवध का अपराध दर्ज करने का भी निर्णय लिया गया था, जो कि, खेतमालिक किसानों के लिहाज से बेहद अन्यायकारक है. अत: इस निर्णय को तत्काल रद्द किया जाये. हालांकि इस प्रस्ताव को जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख द्वारा स्वीकार नहीं किया गया. इसके साथ ही इस आमसभा में जिप द्वारा नियमित किये गये ३२ कर्मचारियों का वेतन निश्चित करने पर भी चर्चा की गई. साथ ही पं. दिनदयाल योजना में कई लाभार्थियों को जगह का अनुदान नहीं मिलने का मुद्दा प्रताप अभ्यंकर व रविंद्र मुंदे द्वारा उठाया गया. साथ ही मोर्शी सर्कल के सदस्य शरद मोहोड ने कोरोना मरीजों से संबंधित मसला उठाते हुए स्वास्थ्य विभाग से कोरोना मरीजों की ओर गंभीरतापुवर्क ध्यान देने की अपील की. इसके अलावा भी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित कई मामलों को लेकर इस आमसभा के दौरान बेहद गरमागरम बहस व चर्चा हुई.

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