अमरावतीमहाराष्ट्र

मुझे अधिकार का घर दिलवाएं ’

एक दुखियारी मां ने जिलाधीश से लगाई गुहार

* उच्च शिक्षित बेटे ने घर से बाहर निकाला
* मतिमंद बेटे को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने बैठी अनशन पर
* पांच दिन न्याय नहीं मिला तो दिव्यांग बेटे समेत आत्मदाह करने की चेतावनी
अमरावती/दि.23-अधिकार का घर मिलेें, इसके लिए एक दुखियारी मां अपने मतिमंद बेटे को लेकर आज जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अनशन पर बैठी है. जिले के चांदूर बाजार तहसील के शिरजगांव बंड गांव के एक उच्च शिक्षित बेटे ने अपनी मां और दिव्यांग भाई को घर से निकाल दिया. तब से यह दोनों मां-बेटे शहर में भटक रहे है. घर मिलने के लिए विविध कार्यालय के चक्कर काट रहे है. 67 वर्षीय वृद्ध माता रुक्मिणी रामदास अभ्यंकर और 40 वर्षी दिव्यांग बेटे का नाम प्रफुल्ल रामदास अभ्यंकर है. इस वृद्ध माता ने जिलाधिकारी से शिकायत न्याय मांगा था. सौंपे ज्ञापन के अनुसार रुक्मिणी अभ्यंकर के पति रामदास अभ्यंकर पुलिस विभाग में कार्यरत थे. उनकी मृत्यु के बाद रुक्मिणीबाई के बेटे मिलींद और बहू ने रुक्मिणीबाई और उनके मतिमंद बेटे प्रफुल्ल को 12 साल पहले घर से बाहर निकाल दिया. इस संदर्भ में पुलिस आयुक्त, संभागीय आयुक्त, और जिलाधिकारी से कई बार शिकायत करने परभी रुक्मिणीबाई को न्याय नहीं मिला. जिसके कारण वह अनशन पर बैठी है. अधिकार का घर मिलने के लिए वह जद्दोजहद कर रही है. उनका मतिमंद बेटा भी उनके साथ रहना है. रक्मिणीबाई को न्याय मिलने की प्रतीक्षा है. उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि, अगर पांच दिनों में मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं अपने दिव्यांग बेटे के साथ अनशन स्थल पर आत्मदाह करूंगी.

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