
अमरावती/दि.21– मनपा के सभी विभाग में निजी ठेकेदार के माध्यम से ठेका प्रणाली पर कर्मचारी लगाए गये है. इन कर्मचारीयों का सिधे शहर की जनता से संपर्क आता है. ऐसे में अपनी समस्यायों को लेकर आनेवालो को कर्मचारीयों से अच्छी सेवा सुविधा की अपेक्षा होती है. लेकीन मनपा में कार्यरत कुछ कर्मचारी अभद्र व्यवहार करते है. इस संदर्भ में विभाग प्रमुख से शिकायत करने पर वे भी हात खडे कर देते है. हाल ही में एक बोगस कर्मचारी मनपा के विविध विभागों में तिन साल कार्यरत रहकर मनपा प्रशासन के कामकाज पर सवालीया निशान उठा रहा था. ऐसे में ठेके पर रखे हुए कर्मचारीयों के चरित्र प्रमाण पत्र की जांच पुलिस व्दारा करवाए. ऐसी मांग पुर्व पार्षद प्रदिप बाजड ने मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे से की है.
पुर्व पार्षद बाजड ने कहा की मनपा में आए दिन घोटाले सामने आ रहे है. मीडीया घोटालो को उजागर करती है. कुछ समय तक इन घोटालो को लेकर खबरे प्रकाशित होती है. जांच के नाम पर कमेटीया बनाई जाती है. तो कभी पुलिस में शिकायत होती है. लेकीन आज तक इस मामले में कोई कारवाई नही हुई है ? और ना ही कीसी को सजा मिली है. फाईबर टॉयलेट घोटाला हो या शौचालय के निर्माण कार्य में हेराफेरी या बोगस कर्मचारीयों की नियुक्ती हो या खरेदी में भ्रष्टाचार जौसे कई मामले मिडीया ने उजागर किए है. लेकीन फिर वही ढाक के तिन पात की कहावत चरीतार्थ करते हुए मामलो को फाईल में बंद कर दिया जाता है. ऐसे में क्या केवल जनता के लिए लाए गये पैसे की बर्बादी तथा नियोजन शुन्य कामकाज यही मनपा का रवैया है. अन्यथा आज तक इतने अधिकारी आने के बावजूत भी एक भी घोटाले पर कारवाई क्यो नही हूई? इस मामले में जनप्रतिनिधी क्यो चुप्पी साधे बैठते है ? साप निकल ने के बाद लकिर क्यो पिटते है? ऐसे कही सवाल जनता के मन में है. लेकिन जनता जवाब मांगे तो किससे ? कानुन तो सिर्फ अंधा है. लेकिन मनपा प्रशासन अंधे के साथ गुंगा बहरा भी है. ऐसा भी पूर्व पार्षद बाजड ने कहा.