अमरावती

गजल नवाज भीमराव पांचाले का सत्कार समारोह कल

नाटककार प्रेमानंद गजवी और कुलकर्णी मुख्य अतिथि

फूल मालाओं की बजाए पुस्तकें लाने का आग्रह
अमरावती / दि.29- अपनी गजल गायकी से दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल करने वाले गजल नवाज भीमराव पांचाले गायकी क्षेत्र में अपने 50 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं. उनके इस सफर का स्वर्ण महोत्सव मनाने के उद्देश्य से गजल नवाज भीमराव पांचाले नागरी सत्कार समिति, अमरावती व अन्य 72 संगठनों द्वारा संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में भव्य सत्कार समारोह गुरुवार, 30 मार्च को शाम 6 बजे आयोजित किया गया है. नागरी सत्कार समिति के डॉ. कमलाकर पायस, प्रा. संजय घरड़े, प्रा. संजय शेंडे, यशपाल वरठे, बालकृष्ण खोब्रागड़े व नयन मोंढे सहित अनेक लोग प्रयासरत हैं. कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध नाटककार प्रेमानंद गज्वी करेंगे और प्रमुख अतिथि वरिष्ठ पत्रकार बाल कुलकर्णी होंगे. कल सुबह 9 बजे सांस्कृतिक भवन में रक्तादान शिविर भी आयोजित किया गया है. दोनों कार्यक्रमों में शहरवासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहें, ऐसा आह्वान किया गया है. साथ ही पांचाले के स्वागत व सत्कार हेतु फूल मालाओं के स्थान पर पुस्तकें लाने का अनुरोध भी किया गया है.
भीमराव पांचाले के बारे में जानकारी देते हुए आयोजकों ने बताया कि, भीमराव पांचाले का अब तक कई पुरस्कार मिले है. उन्हें अब तक सुरसिंगार मेडल 1977, गजल नवाज अवार्ड 1988, फुले शाहू अम्बेडकर मेमोरियल अवार्ड 1999, पुलिस आयुक्त और मोहल्ला समिति अवार्ड 1996, बाबासाहेब अम्बेडकर अवार्ड 1988, स्वरगंगा राष्ट्रीय एकात्मता पुरस्कार 1999, कला ब्रह्म अवार्ड 2001, सेतु महादेव राज्य अवार्ड 2002, महाराष्ट्र सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए विदर्भ रत्न पुरस्कार 2003, दया पवार पुरस्कार 2008, मौलाना अबुल कलाम आजाद सम्मान पुणे नगर निगम 2011, जागृति लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार 2011, पूर्व गौरव पुरस्कार 2011, महाराष्ट्र सरकार राज्य सांस्कृतिक पुरस्कार 2011 प्राप्त हुए हैं.
भीमराव पांचाले के उल्लेखनीय कार्य
गजल नवाज भीमराव पांचाले ने दुनिया भर के 18 देशों में संगीत मैफिली, महाराष्ट्र राज्य फिल्म महोत्सव के लिए एक परीक्षक के रूप में काम किया. आकाशवाणी मुंबई ऑडिशन कलाकार चयन बोर्ड में काम किया. पांच साल तक महाराष्ट्र राज्य साहित्य और संस्कृति बोर्ड के सदस्य के रूप में काम किया. मुंबई विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में अतिथि व्याख्याता के रूप में काम किया. प्रथम अखिल भारतीय गजल सम्मेलन 2001 की अध्यक्षता, साहित्य अकादमी द्वारा कला अकादमी दिल्ली और गोवा में राष्ट्रीय संगोष्ठियों में बीज भाषण, पेपर रीडिंग भी की.

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