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मुफ्त में नहीं पैसे लेकर खरीदा था घी और दही

पनीर व दही में मिलावट की शिकायत पर देखने गये थे दूध डेअरी

* शिंदे गुट के निशांत हरणे ने पत्रवार्ता में दिया स्पष्टीकरण
* विधायक रवि राणा को महायुति के बारे में गलत फहमी रहने की बात कही
अमरावती/दि.19 – हमें अपने किसी कार्यकर्ता के जरिए खबर मिली थी कि, बडनेरा के पांच बंगला परिसर में उत्तमसरा मार्ग स्थित कात्रे डेअरी फार्म से केवल रात के समय ही पनीर और दही की डिलेवरी दी जाती है और शायद यहां पर दूग्ध उत्पादों में मिलावट का काम चलता है. ऐसे में शिकायत की तस्दीक करने हेतु हम 11 अगस्त की दोपहर उक्त दूध डेयरी पर पहुंचे थे और हमने बाकायदा नकद पैसों का भुगतान करते हुए वहां से तीन किलो घी व एक किलो दही खरीदा था. इस बात का सबूत खुद उसी दूध डेयरी में लगे सीसीटीवी कैमरों में फूटेज से मिल सकता है, ऐसे में खुद को फूड इंस्पेक्टर बताकर कात्रे दूध डेयरी से बिना पैसे दिये घी व दही लेने को लेकर हम पर लगाये गये आरोप बेबुनियाद है. इस आशय का स्पष्टीकरण शिवसेना के धारणी-मोर्शी विधानसभा क्षेत्र प्रमुख निशांत हरणे द्वारा दिया गया.
आज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में निशांत हरणे सहित शिंदे गुट वाली शिवसेना के बडनेरा शहर प्रमुख गुड्डू कत्तलवार ने बताया कि, वे लोग कात्रे दूध डेयरी पर अपने जिस वाहन से पहुंचे थे, उसके आगे व पीछे शिवसेना की पार्टी का नाम लिखा हुआ था. साथ ही उन्होंने काउंटर पर मौजूद व्यक्ति को अपना विजेटींग कार्ड देते हुए अपना परिचय भी दिया था और नगद पैसे देते हुए 3 किलो घी व 1 किलो दही खरीदा था. जिसे सैम्पल के तौर पर जांच हेतु देने के लिए वे अगले दिन अन्न व औषधी प्रशासन के कार्यालय भी पहुंचे थे. परंतु उस दिन उन्हें बताया गया कि, संबंधित महिला अधिकारी दौरे पर बाहरगांव गई है और उनसे बुधवार को भेंट हो पाएंगी. शायद यह जानकारी किसी जरिए उक्त दूध डेयरी के संचालक तक पहुंच गई और चूंकि दूध डेयरी के संचालक नीलकंठराव कात्रे बडनेरा के विधायक रवि राणा के मामा है, तो इस मामले को एक अलग ही स्वरुप प्रदान कर दिया गया है. ताकि मूल मुद्दें से ध्यान भटकाया जा सके.
इस पत्रवार्ता में निशांत हरणे ने कहा कि, महायुति में शामिल रहने के बावजूद भी विधायक रवि राणा को महायुति के स्थानीय पदाधिकारियों पर भरोसा नहीं है और उन्होंने लोकसभा चुनाव में नवनीत राणा की हार का ठिकरा महायुति के स्थानीय पदाधिकारियों पर फोडा है. जबकि यदि महायुति के स्थानीय पदाधिकारियों ने काम नहीं किया होता, तो नवनीत राणा को 5 लाख से अधिक वोट नहीं मिल पाते. अत: विधायक रवि राणा ने अपनी गलत फहमियों को दूर करते हुए महायुति के पदाधिकारियों पर बेसिर पैर के आरोप नहीं लगाने चाहिए. इस पत्रवार्ता में शिंदे गुट वाली शिवसेना के महानगर प्रमुख संतोष बद्रे सहित अन्य कई पदाधिकारी भी उपस्थित थे.

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