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सुपरस्पेशालिटी वैद्यकीय सेवा साबित हुई देवदूत
अमरावती/प्रतिनिधि दि.४ – कोरोना पॉजीटीव होने के कारण अस्पताल में उपचारार्थ दाखिल होने के बाद मेंदूज्वर व अन्य बीमारियों के लक्षण पाये जाने वाली छात्रा पर स्वास्थ्य विभाग के कार्यतत्पर उपचार के कारण उसे पुनर्जन्म मिला.उपचार दरमियान यह छात्रा 15 दिनों तक कोमा में थी. वह पूरी तरह से ठीक होकर 3 जुलाई को घर लौटी.
डॉक्टरों की देखरेख में ऑक्सिजन की आपूर्ति, प्रयोगशाला में विविध प्रकार की जांच व उसके अनुसार तुरंत औषधोपचार से वह पूरी तरह से ठीक हो गई है. अपनी बेटी को पुनर्जन्म मिलने से वैद्यकीय सेवा देवदूत साबित होने की प्रतिक्रिया उसके परिवार सहित नागरिकों व्दारा व्यक्त की जा रही है.
नेहा यह कक्षा 10 वीं की छात्रा है. कुछ दिनों पूर्व वह घर में ही अचानक चक्कर आने से गिर पड़ी. परिजनों ने उसे उपचारार्थ डॉक्टर के पास लाया. उस समय उसे सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटर में भर्ती करने की सलाह डॉक्टरों ने दी. उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए सुपरस्पेशालिटी अस्पताल के स्टाफ ने तुरंत ही उपचार शुरु किया. नेहा में कोरोना संक्रमण पाये जाने से पहले उस पर उपचार किया गया. दरमियान उसका बुखार 104 डिग्री तक चढ़ गया था. इस बात को ध्यान में रखते हुए मेंदू का सिटी स्कैन व मेंदू व पीठ के पानी की जांच प्रयोगशाला में की गई. जांच के दौरान मेंदूज्वर की बीमारी का निदान हुआ और उपचार किया गया. नेहा लगातार 15 दिनों तक कोमा में थी. ऐसी स्थिति में डॉक्टरों ने प्रयत्नों की पराकाष्ठा करते हुए उसे कोमा से बाहर निकाला. आज उसकी प्रकृति में सुधार हुआ है.
सुपर स्पेशालिटी से मिला डिस्चार्ज
नेहा को 3 जुलाई को सुपरस्पेशालिटी अस्पताल से घर वापस जाने की अनुमति मिली. यहां के स्टाफ व्दारा उसके परिजनों की उपस्थिति में उसे स्वस्थ जीवन के लिये शुभकामनाएं दी गई. जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम के मार्गदर्शन में डॉ. रवि भूषण, डॉ. नीलेश पाटील, डॉ. पूनम सोलंकी, डॉ. श्रेया चेरडे, डॉ. करिश्मा जयस्वाल व डॉ. स्नेहल अतकरी इन डॉक्टरों की टीम ने नेहा पर सफल वैद्यकीय उपचार किया.