अमरावतीमहाराष्ट्र

लडकियों को शादी के लिए और लडको को भर्ती के लिए हटाना है चष्मा

तकनीकी ज्ञान में हुी प्रगति, सर्जरी से चष्मे के बगैर भी देख सकते है दुनिया

अमरावती /दि. 7– आजकल मोबाईल, कम्प्यूटर और टीवी की वजह से आंखो की समस्या बढ़ रही है. लडकियों को शादी के लिए वहीं लडको को सैनिक व पुलिस भर्ती के लिए चष्मा रोडा बन रहा है. लेकिन अब तकनीकी ज्ञान में प्रगति होने से शहरो में लॉसिक लेजर सर्जरी का प्रमाण बढ़ा है. यह सर्जरी करने के बाद चष्मे की आवश्यकता नहीं होती और चशमीश का लगा सिक्का भी हट जाता है.
पहले जिस लडके या लडकी की आंखो पर चष्मा दिखाई देता था, उसे अभ्यासू कहा जाता था, ऐसी लोगों को समझ थी. लेकिन अब टीवी, मोबाईल की वजह से छोटे-छोटे बच्चो को भी चष्मा लग रहा है. पहले प्रतिष्ठा का लगनेवाला चष्मा बाद में पसंदीदा क्षेत्र और जीवन में दुविधा का साबित हो रहा है. लडकी को चष्मा रहा तो उसके विवाह में अडचने आती है और उसे चशमीश कहा जाता है. लडके अब लैसिक सर्जरी करवाकर चष्मा हटाने को प्राथमिकता दे रहे है. लेकिन इसमें खर्च अधिक है. कुछ लोगों को चष्मा हटाना ठिक नहीं लगता. अनेक लोगों का चष्मे की वजह से आत्मविश्वास भी कम हो रहा है. जिसमें अब लैसिक सर्जरी को प्राथमिकता दी जा रही है. विविध नेत्र अस्पतालो में वर्तमान में आंखो की अलग-अलग सर्जरी करने के लिए नई तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसकी वजह से आंखो की सर्जरी कुछ ही समय में पूर्ण होकर वह सफळ हो रही है. जल्द ही मरीजो को राहत मिल रही है.

* चष्मीश के नाम पर नहीं सुना जाएगा
अनेको बार बचपन में बच्चो को चष्मा लग जाता है. जिसकी वजह से उन्हें चष्मीश कहकर संबोधित किया जाता है. लेकिन अब लैसिक सर्जरी की वजह से आंखो का चष्मा उतर जाता है.

* चष्मे को लेकर युवक-युवती परेशान
जिन युवतियों की आंखो पर चष्मा होता है उन्हें विवाह के लिए परेशानी जाती है. वहीं युवकों को पुलिस या फिर सेना में भर्ती होना हो तो चष्मे की वजह से उन्हें परेशानी होती है. लेकिन अब नई तकनीक आने से परेशानी दूर होती दिखाी दे रही है.

* ज्यादा नंबर का चष्मा सिरदर्द
जिन लोगों को ज्यादा नंबर का चष्मा लगा हो वह सिरदर्द साबित हो रहा है. इतना ही नहीं बल्कि लोगों का आत्मविश्वास भी कम हो रहा है.

लैसिक लेजर सर्जरी सुरक्षित
लैसिक लेजर सर्जरी सुरक्षिथ है. इससे आंखो में दर्द नहीं होता. लेकिन डॉक्टरो द्वारा पूर्ण जांच करने के बाद ही संबंधित मरीज को लेजर सर्जरी फायदे की है या नहीं, यह ठहराया जा सकता है.

* शादी के लिए नहीं चाहिए चष्मा
अनेक लडकियों को शादी के लिए अपना चष्मा हटाना पडता है. लडकियां चष्मा हटाने लैसिक सर्जरी को प्राथमिकता दे रही है.

* लाखो रुपए खर्च करने को तैयार
लडके-लडकियां चष्मा उतारने के लिए लाखो रुपए की सर्जरी करने को तैयार है. लैसिक लेजर सर्जरी के बाद चष्मा कायम स्वरुपी उतर जाता है. जिसमें लडके-लडकियां लाखो रुपए खर्च करने को भी तैयार है.

* क्या है लैसिक लेजर सर्जरी?
सौम्य से मध्यम चष्मे का नंबर रहनेवालो की डॉक्टर की सलाह से लैसिक लेजर सर्जरी की जाती है. सर्जरी के बाद चष्मे का नंबर कम हो जाता है. जिसकी वजह से चष्मे की आवश्यकता नहीं पडती.सर्जरी के लिए संबंधित व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष से अधिक होना आवश्यक है.

* अमरावती शहर में केवल एक लैसिक सर्जरी सेंटर
लैसिक लेजर सर्जरी के लिए आवश्यक मशीन महंगी होती है. जिसकी वजह से जिले के कुछ नेत्रतज्ञो ने एकत्र होकर एक लैसिक लेजर सेंटर शुरू किया है. इस सेंटर पर संबंधित नेत्रतज्ञ अपने मरीजो पर सर्जरी करते है.

Back to top button