अमरावती/दि.28 – अनेकों पालक मेरे पास आते है और कहते है कि, मेरा बेटा विदेश में शिक्षा के लिए जा रहा है, महाराजजी उसे आर्शिवाद दें. किंतु बच्चा विदेश में जाने के बाद क्या शिक्षा लेता है, उसका कोई भरोसा नहीं, किंतु जब आप अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देते है, तो वह विदेश में गया तो भी अच्छे संस्कार के चलते अपने देश और अपने परिवार का नाम रोशन करेंगा, ऐसे आर्शिवचन दिगंबर जैन मुनी आचार्य विद्यासागरजी महाराज ने सोमवार को सुबह अपने प्रवचन के दौरान दिया.
आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज अपने संघ सहित महाराष्ट्र राज्य में है और वे विहार के दौरान जिला अंतर्गत आने वाली माहुली जहागीर स्थित सनब्राईट इंग्लिश स्कूल के प्रांगण में सुबह प्रवचन के दौरान बोल रहे थे. आचार्य मुनीश्री ने आगे कहा कि, स्वर्ग के सभी देव इंद्रपुरी में वास्तत्व के लिए है, यहां सभी स्वर्ग के सुख प्राप्त है. उनके सामने हाथ जोडकर खडे रहें, तो भी यहां से मोक्ष की ओर जाया नहीं जा सकता. इसके लिए इंद्रपुरी याने उसी को ही आई है और यह मन को जन्म लेना पडता है. पृथ्वी पर ही मानव जन्म लेता है, पिछले जन्म के सब कर्म से मानव जन्म मिला है.
इस जन्म में भी कल्याणकारी कार्यकारी ऐसा उपदेश आचार्य विद्यासागरजी महाराज ने दिया. जैन मुनी आचार्य विद्यासागरजी के दर्शन के लिए माहुली जहागिर में भाविकों की भीड उमड पडी. प्रवचन के पश्चात दोपहर को आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज का विहार अमरावती की ओर रवाना हुआ. रात में उन्होंने नांदगांव पेठ स्थित जिला परिषद माध्यमिक कनिष्ठ महाविद्यालय में विश्राम किया.