अमरावतीमहाराष्ट्र

प्रकल्पग्रस्तो को चुनाव के पूर्व तत्काल मुआवजा दें

नौकरी न देने पर परिजनों को एकमुश्त 20 लाख रुपए सानुग्रह अनुदान भी दिया जाए

* विदर्भ बलिराजा प्रकल्पग्रस्त कृति संघर्ष समिति की राज्य शासन से गुहार
* पत्रकार परिषद में साहेबराव विधले ने दी जानकारी
अमरावती /दि. 13– आगामी लोकसभा चुनाव के पूर्व विदर्भ के 200 प्रकल्पग्रस्तो को 2013 के कानून के मुताबिक शासन द्वारा मुआवजा देने और सरकारी सेवा में न लेने पर एकमुश्त 20 लाख रुपए सानुग्रह अनुदान देने की मांग विदर्भ बलिराजा प्रकल्पग्रस्त कृति संघर्ष समिति के वरिष्ठ मार्गदर्शक साहेबराव विधले ने आज यहां आयोजित पत्रकार परिषद में की. उन्होंने यह भी कहा कि, यदि उनकी मांग जल्द पूर्ण नहीं की गई तो आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सत्तारुढ दल के विरोध में काम किया जाएगा.
पत्रकार परिषद में साहेबराव विधले ने बताया कि, अमरावती विभाग वर्ष 2006 से 2013 के दौरान भारी मात्रा में सिंचन प्रकल्प निर्मित किए गए और कुछ निर्माणाधिन है. किसानों के परिवार का पालनपोषण करने का एकमात्र साधन खेती है. वह जमीन वर्ष 1894 का भूसंपादन कानून अस्तित्व में रहते वह आदेश 6 जून 2006 को जारी कर सरल खरीदी प्रणाली से 39 हजार से दो लाख रुपए प्रति एकड भाव से खरीदी कर ली गई. लेकिन उसी प्रकल्प की जमीन देने का विरोध करनेवाले किसानों को अधिक दाम यानि 22 लाख रुपए प्रति एकड से मुआवजा दिया गया. जिन भूधारको ने शासन के आवाहन को प्रतिसाद देकर जमीन दी उन पर सरल खरीदी पद्धति से कम भाव में जमीन खरीदी कर अन्याय किया गया. इस कारण इन प्रकल्पग्रस्तो में तीव्र असंतोष निर्माण हुआ. विदर्भ के सभी प्रकल्पग्रस्तो की समस्या का निवारण कर न्याय मिलने के लिए पिछले 10-12 साल से आंदोलन किए जा रहे है. 16 मार्च और 27 अप्रैल 2022 को मंत्रालय में भी मंत्री व अधिकारियों के साथ बैठके हुई. लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हुआ है. 16 दिसंबर और जनवरी 2023 में नागपुर अधिवेशन पर मोर्चा भी निकाला गया. तब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने एक पखवाडे में बैठक लेकर समस्या का हल करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक शासन व प्रशासन की तरफ से कोई बैठक ली नहीं गई है. इस कारण अब प्रकल्पग्रस्तो ने तत्काल मुआवजा देने के साथ ही प्रकल्पग्रस्तो का समांतर आरक्षण पांच प्रतिशत से 15 प्रतिशत कर परिवार के एक व्यक्ति को शासकीय व अर्धशासकीय सेवा में लेने, नौकरी पर न लेने पर परिवार को एकमुश्त 20 लाख रुपए सानुग्रह अनुदान देने और कानून के प्रावधान के मुताबिक प्रकल्पग्रस्तो को परिवार का पालनपोषण करने के लिए लाभक्षेत्र में जमीन देने की मांग की है. ऐसा न करने पर मजबूरन 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सत्तारुढ दल के विरोध में मतदान का इस्तेमाल करने की चेतावनी दी गई है. पत्रकार परिषद में कृति संघर्ष समिति के विभागीय अध्यक्ष मनोज तायडे, कार्याध्यक्ष माणिकराव गंगावणे, उपाध्यक्ष विकास राणे, सचिव विजय दुर्गे, नीलेश बनारसे, शिवदास ताठे, बाबुसिंग पवार, हरिश्चंद्र जाधव, डॉ. ओमप्रकाश खुटेमाटे, मनीषा चक्रनारायण, संतोष चक्रनारायण आदि उपस्थित थे.

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