अमरावती

प्राप्त शिक्षा से दे विकास को गति-डॉ.जी.आर बामनोट

हव्याप्र इंजीनियरिंग कॉलेज में वर्चुअल पदवी प्रदान समारोह

  • मेधावी प्रतिनिधि छात्राओं को प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार देकर किया सम्मानित

अमरावती/प्रतिनिधि दि ८ – जीवन को सही दिशा देने के लिए सकरात्मक प्रभाव महत्वपूर्ण हैे और इस प्रभाव का सशक्त माध्यम शिक्षा है. जब प्रभावी शिक्षा के माध्यम से सक्षम छात्रों का निर्माण होता है तो देश और समाज को प्रत्यक्ष लाभ मिलता हैे. ऐसा ही कुछ अनुभव श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल द्वारा संचालित इंजीनियर कॉलेज के पदवी वितरण समारोह में भी हो रहा है. नियोजित और परिष्कृत शिक्षा प्रणाली ने शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों के लिए एक अलग पहचान बनाई है. स्नातक समारोह के मुख्य अतिथि और संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर इंजीनियर अध्ययन परिषद के अध्यक्ष डॉ. जीआर बमनोटे ने विद्यार्थियों से इस शिक्षा के माध्यम से अपने और देश समाज के विकास को आधुनिक गति देने की अपील की है.
शैक्षणिक सत्र २०१९-२०२० का पदवी वितरण समारोह मंगलवार ६ जुलाई को प्रात: ११.३० बजे श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल द्वारा संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय की ओर से कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए वर्चुअल तरीके से संचालित इंजीनियरिंग कॉलेज में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.ए.बी.मराठे की अध्यक्षता में आयोजित किया गया. इस समारोह में श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के कोषाध्यक्ष, शिक्षाविंद एवं मार्गदर्शक डॉ.सुरेशराव देशपांडे, मंडल के सचिव डॉ.रविन्द्र खांडेकर, मंडल के आजीवन कार्यकारी सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. किशोर फुले आदि इस अवसर पर उपस्थित थे.
कार्यक्रम की शुरूआत विद्यापीठ गीता से हुई. गणमान्य व्यक्तियों ने दीप प्रज्वलन, ज्ञान की देवी मां सरस्वती, संत गाडगेबाबा एवं श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के संस्थापक स्व. अंबादासपंत वैद्य की प्रतिमा की पूजा की. गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शैक्षणिक वर्ष २०१९-२०२० ऑनलाईन पास करनेवाले छात्रों और कुशल छात्रों को प्रतिनिधि तरीके से आमंत्रित करके पदवी प्रमाण पत्र और पुरस्कार दिए गये. वहीं सभा विभागाध्यक्षों ने मेधावी छात्रों को अपने अपने विभागोंं में पदवी बांटने की घोषणा की. इसके बाद मंच पर मौजूद सभी गणमान्य व्यक्तियों ने विद्यार्थियों को बधाई दी और सफलता का मंत्र दिया.

  • प्रभावशाली जीवन जीएं : डॉ. जी. आर. बामनोट

श्री हनुमान व्यायाम प्रसार मंडल अपने स्थापना काल से ही देश और समाज के विकास के लिए कार्य करता रहा है. आज तक इस भूमि को कई नवरत्नों का स्पर्श मिला है जिससे वह पावन हुई है और इस भूमि से कई सक्षम व्यक्तित्व देश की सेवा में योगदान दे रहे है इस पवित्र भूमि का स्पर्श छात्रों को भी हुआ है और यह प्रभाव उनके बाद के जीवन में भी जारी रहेगा. इंजीनियरिंग शिक्षा को आधुनिक रूप दे रहा इंजीनियरिंग कॉलेज नए इंजीनियरों के बीच मंडल के मूल्यों को बीजारोपण शुरू है. इसलिए नये इंजीनियर ने जीवन भर मंडल, कॉलेजों औ प्रोफेसरों द्वारा दी गई शिक्षा और मूल्यों को विकसित करके अपने ज्ञान के माध्यम से देश और समाज को आधुनिक रूप देने की अपील की है.

  • देश के विकास के शिल्पकार हैं इंजीनियर : डॉ. सुरेशराव देशपांडे

शिक्षा मानव जीवन का आधार है और शिक्षा की आत्मा विद्यार्थी है और यह हमारी प्राचीन, गौरवशाली संस्कृति और शिक्षा विधियों से स्पष्ट है. हालांकि आज समय तेजी से बदल रहा है. लेकिन शिक्षा के लक्ष्य और मूल्य अभी भी बरकरार है. नतीजन छात्रों ने कोरोना महामारी के दौरान अपने सीखने के लक्ष्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है. इसमेें कोई संदेह नहीं है कि आपने जो शिक्षा प्राप्त की है वह जीवन मे आगे बढने पर आपके लिए निश्चित रूप से उपयोगी होगी, लेकिन नए इंजीनियरों को इस क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान देना चाहिए्र, जिससे भारतीय प्राचीन और आधुनिक खेलों को जन-जन तक पहुंचाने में मदद मिलेगी, ऐसा मत मंडल के कोषाध्यक्ष डॉ. सुरेश देशपांडे ने व्यक्त किया.

  • राष्ट्रीय महापुरूषों और संतों से अपेक्षित इंसान बने: डॉ. रविन्द्र खांंडेकर

विदर्भ के सांस्कृतिक वैभव वाले अमरावती जिले को नवरत्न की महिला मिली है. जनता को शिक्षा के महत्व से अवगत कराने के लिए राष्ट्रसंत गाडगेबाबा ने जीवन भर शिक्षा का प्रसार किया. जबकि राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ने समाज को सक्षम इंसान देने का आह्वान किया . महापुरूषों की इस विरासत को सहजते हुए श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल ने अपनी स्थापना के समय से ही राष्ट्र और समाज निर्माण के लक्ष्य को पोषित किया है. वहीं मंडल के इंजीनियरिंग कॉलेज अपने छात्रों में भर रहा है. नए इंजीनियर कई सामाजिक और राष्ट्रीय परियोजनाओं में बहुमूल्य योगदान दे रहे है. श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के सचिव डॉ. रविन्द्र खांडेकर ने नए इंजीनियरों से अपने जीवन में सचेत रूप से उसी पथ पर चलने और देश को एक विशिष्ट पहचान देेने की अपील की.

  • लक्ष्य को हमेशा सकरात्मक रखे-डॉ. किशोर फुले

यद्यपि शिक्षा के माध्यम से जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है. लेकिन जिन महापुरूषों और संतों ने हमें लाभान्वित किया है. उनका मार्गदर्शन और अनुभव ही जीवन को बेहतर बनाता है. हव्याप्र इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित स्नातक समारोह न केवल शिक्षा की पूर्णता है, बल्कि सही मायने में एक नई शुरूआत भी है. श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल पिछले १०५ वर्षो से देश और समाज के विकास के लिए कार्य कर रहा है. इंजीनियरिंग कॉलेज अपने विद्यार्थियों को विकसित करने के लिए शिक्षा पध्दति का एक आधुनिक रूप अपना रहा है. परिणामस्वरूप कोरोना महामारी में भी छात्रों को सभी प्रकार की शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्ता हुआ, जो इस स्नातक समारोह का परिणाम है. इसलिए छात्रों को जीवन में आगे बढने पर त्याग, संयम और एक सक्षम मनुष्य के रूप में अर्जित मूल्यों का उपयोग करने पर ध्यान देना चाहिए. तभी इस देश समाज को एक सक्षम पहचान और विकास मिलेगा, ऐसा विश्वास श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के आजीवन सदस्य डॉ. किशोर फुले ने व्यक्त किया.

  • धैर्य और साहस के साथ सफलता प्राप्त करे: प्राचार्य डॉ. अनंत मराठे

पिछले कई सालों से चली आ रही शिक्षा व्यवस्था को कोरोना महामारी ने एक नया रूप दे दिया है. इसका अर्थ है धैर्य और दृढ़ता. इस मूल्य को अपनाते हुए देश के देवता छत्रपति शिवाजी महाराज ने सात सौ वर्षो की गुलामी को तोडकर स्वराज्य की स्थापना की. स्वराज्य के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए महाराज को अनेक कठिन परिस्थितियों, अनेक आक्रमणों का सामना करना पडा. हालांकि हर बार उत्पन्न हुई स्थिति से महाराज ने धैर्य और दृढता के साथ सफलता को बाहर निकाला है. हालाकि समय बदल गया है. लेकिन हर किसी को ऐसी मुश्किल स्थिति का सामना करना पडता है. दो साल पुरानी कोरोना महामारी ने खासकर शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खडे किए थे.ऐसे में विभिन्न माध्यमों से शिक्षा के कार्य एवं लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्राध्यापको और विद्यार्थियों का अमूल्य योगदान रहा. जीवन में आगे बढते हुए हमेें शिक्षा और मूल्य के माध्यम से देश के विकास में योगदान देने के लिए अत दीप:भव मंत्र का प्रयोग करना चाहिए. साथ ही डॉ. अनंत मराठे सर ने पिछले दो वर्षो के कालेज के शैक्षणिक कार्यो की जानकारी दी.

 

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