अमरावती

अत्याचार पीड़ित महिलाओं को न्याय दें

भाजपा महिला आघाड़ी ने ठाकरे सरकार पर साधा निशाना

* सुरेखा लुंगारे ने आघाड़ी सरकार के महिला नियोजन की उड़ाई खिल्ली
अमरावती/दि.8- महिला सबलीकरण की कागजों पर की गई घोषणा करने वाला पहला राज्य साबित होने वाले महाराष्ट्र में पहले भी तीन बार नये नियोजन का ढोल पीटने के बाद भी महिलाओं पर होने वाला अत्याचार कम नहीं हुआ है. महिलाओं को दुय्यम स्थान देने की मानसिकता में बदलाव नहीं हुआ है. नये महिला नियोजन का कागज लहराकर महिलाओं को फंसाने वाली ठाकरे सरकार को अब राज्य की महिलाओं पर के होने वाले अत्याचार का उत्तर देना पड़ेगा. ऐसी चेतावनी देते हुए भाजपा महिला मोर्चा महाराष्ट्र प्रदेश सचिव सुरेखा लुंगारे ने पत्रकार परिषद में आघाड़ी सरकार के महिला नियोजन की खिल्ली उड़ायी.
उन्होंने कहा कि राज्य का पहला महिला नियोजन 1994 में घोषित हुआ. नौकरशाही, न्यायव्यवस्था, राजनीति, सत्ता, प्रसार माध्यम, शिक्षण संस्था, निजी क्षेत्र, उद्योग धंधे और कृषि क्षेत्र में भी महिलाओं को दुय्यम स्थान देकर महिलाओं का आत्मविश्वास कम करने का नियोजन कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस ने चलाया है. अब इस कारस्थान में शिवसेना भी शामिल होने के साथ ही ठाकरे सरकार की सत्ता में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार यह इस बात का सबूत है.
इस समय लुंगारे ने कहा कि विगत ढाई वर्षों में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार की घटनाओं में वृद्धि हुई है. लेकिन ठाकरे सरकार चुप्पी साधे है. मुंबई, पनवेल, नई मुंबई, मीरा रोड, कल्याण, पुणे, नंदुरबार, चंद्रपुर में कोविड सेंटर में उपचार लेने वाली महिला मरीजों पर भी अत्याचार हुआ है. लेकिन ठाकरे सरकार की यंत्रणा ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. चोरी, मारपीट, बलात्कार, लैंगिक शोषण सरीखे गंभीर अपराधों के लिए किशोरवयीन बच्चों का इस्तेमाल किए जाने की धक्कादायक बात सरकार ने ही मान्य किए जाने के साथ ही आर्थिक रुप से दुर्बल बच्चों को फुसलाकर ऐसे अपराधों में धकेलने की बात भी कही जा रही है. अब नये महिला नियोजन लाने की बात कहने वाली ठाकरे सरकार ने अत्याचार ग्रस्त महिलाओं को न्याय देने के लिए कितने अपराधियों पर कार्रवाई की, इसका उत्तर दें, ऐसा आव्हान भी इस समय सुरेखा लुंगारे ने किया.

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