अमरावती/दि.23 – चांदूर रेल्वे तहसील के दानापुर स्थित पिछडी जनजाति बंधुओं पर गांव में लगातार अत्याचार किया जा रहा था. जिसके निषेध में दानापुर से 100 लोगों ने शुक्रवार की सुबह गांव को ही छोड दिया है. वहीं गांव से सटे पाझर तलाव के पास बसेरा डाला है. जहां गांव में वापस न जाने की बात कही जा रही है. साथ ही गांव में छोड आए अपनी जमा पूंजी की जिम्मेदारी प्रशासन पर छोडी है. दानापुर के स्थानीय लोगों व्दारा लिये गए फैसले को लेकर स्थानीय प्रशासन में जमकर हडकंप मच चुका है. लिहाजा इस ओर ध्यान देने की मांग को लेकर पूर्व सभापति भूषण बनसोड ने राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील को निवेदन दिया है. आज शासकीय विश्राम गृह में भूषण बनसोड ने गृह मंत्री को निवेदन सौंपा.
जानकारी के मुताबिक चांदूर रेल्वे तहसील के दानापुर निवासी पिछडी जनजाति के बंधु की दानापुर में खेती है. उसी परिसर में मुख्य सरकारी पगडंडी का एक खेत है. जिसके बाजू में संबंधित गांवासियों की खेतीबाडी है. परंतु गांव के अन्य लोगों ने पिछडी जनजाति के बंधुओं के खेत की ओर जाने वाले मार्ग का रास्ता बंद कर दिया, जिससे खेतीबाडी का संपूर्ण कामकाज रुक चुका था. ऐन बुआई के समय ट्रैक्टर रोकते हुए जातिवाचक गालीगलौच की गयी. इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ एट्रॉसिटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया. परंतु स्थानीय एसडीपीओ ने इस मामले को बंद टोकरी में रखने का आरोप किया है. जिसके चलते अन्य लोगों का मनोबल बढा और उन्होंने फिर से परेशान करना शुरु कर दिया. इसलिए सर्वप्रथम दानापुर के अत्याचार पीडितों को उसका न्याय दिया जाए, इसके अलावा साल 2006 में खैरलांजी घटना हुई थी. इसमें अनेक निष्पाप कार्यकर्ताओं पर अपराध दर्ज कर उन्हें जेल की हवा खानी पडी थी. इस घटना को 15 वर्ष पूरे हो चुके है, फिर भी उनपर लगाए गए अपराध वापस नहीं लिये गए है. यह अपराध वापस लिये जाए. निवेदन सौंपते समय भूषण बनसोड, संजय महाजन मौजूद थे.