अमरावती

शाला की संचमान्यता ऑनलाईन की बजाए ऑफलाईन दें

राज्य शिक्षक संघ का शिक्षा उपसंचालक को निवेदन

अमरावती/दि.8– शाला के ऑनलाईन संच मान्यता में गड़बड़ी के कारण अनेक शालाओं पर अन्याय होने के कारण संच मान्यता ऑनलाईन की बजाए ऑफलाईन दी जाये, ऐसी मांग का निवेदन राज्य शिक्षक संघ की ओर से अमरावती विभाग शिक्षा उपसंचालनालय मार्फत राज्य के शिक्षा मंत्री व शालेय शिक्षा सचिव को दिया गया गया.
निवेदन में कहा गया है कि जब से संचमान्यता ऑनलाईन शुरु हुई, तब से अनेक शालाओं की संचमान्यता गलत आने के साथ ही दुरुस्ती प्रस्ताव देने के बावजूद उन्हें दुरुस्त नहीं किया गया. नये अनुदान पर आने वाली शाला व टुकड़ियों बाबत इस गलत संचमान्यता के कारण बड़े पैमाने पर अन्याय हो रहा है. अनेक शालाओं में विद्यार्थी संख्या रहते हुए भी शिक्षकों की पदसंख्या कम आयी है. स्टूडेंट पोर्टल पर अनुदान के निकषानुसार आखिरी क्लास की वेलीड विद्यार्थी संख्या 30 से अधिक होने के बाद भी ऑनलाईन की तकनीकी खराबी के कारण वह 30 से कम दिखाये जाने से शाला व टुकड़ियां अनुदान से वंचित रह रही है. वहीं उतनी की पटसंख्या की अन्य शाला मात्र अनुदान पर आयी है, ऐसा निवेदन में कहा गया है.
कनिष्ठ महाविद्यालय की संचमान्यता ऑफलाईन होने से वहां तकनीकी खराबी की समस्या नहीं होने से, विद्यार्थी संख्या अनुदान का निकष पूर्ण करने के बाद भी सिर्फ और सिर्फ सदेष ऑनलाईन संचमान्यता पद्धति के कारण अनेक शाला व शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों पर हो रहने अन्याय को दूर किया जाए व माध्यमिक शालाओं की संचमान्यता ऑनलाईन की बजाय ऑफलाईन पद्धति से दी जाए, ऐसी मांग शासन के शिक्षक विभाग को दिए गए निवेदन में राज्य शिक्षक संघ ने की है.
शिक्षा उपसंचालक कार्यालय अमरावती में सहायक शिक्षण संचालक हितेश्वर कालुसे ने राज्य शिक्षक संघ के राज्य अध्यक्ष दिलीप कडू के हस्ते निवेदन स्वीकारा. इस समय राज्य शिक्षक संघ के अमरावती जिला कार्यवाहक श्रीकांत लाजूरकर सहित शिक्षक संघ के पदाधिकारी व सदस्य निशा गोसावी, वजाहत अली काझी, प्रदीप नानोटे, नंदकिशोर नवले, श्रीकांत कडू, अफसर बेग, नदीम मुल्ला, सनाउल्ला खान, अतीबखान, रेहान उज जमा प्रमुख रुप से उपस्थित थे.

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