अमरावती

राष्ट्र निर्माण हेतु रोजाना एक घंटा संघ की शाखा के लिए दे

रास्वसं संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कनीटकर का प्रतिपादन

  • अमरावती महानगर में हुआ विजयादशमी उत्सव व शस्त्रपूजन समारोह

अमरावती/दि.18 – राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित भाव से कार्य करनेवाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रत्येक व्यक्तिने रोजाना अपने जीवन का एक घंटा समय देना चाहिए और युग परिवर्तन के संधीकाल में राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव को अपनाना चाहिए, ताकि विश्व में भारत को वैभवपूर्ण सम्मानजनक स्थान दिलाया जा सके. इस आशय का प्रतिपादन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकूल कानिटकर द्वारा किया गया.
गत रोज सातूर्णा परिसर स्थित व्यंकटेश लॉन के परिणयबंध लॉन में संघ की अमरावती महानगर शाखा द्वारा विजयादशमी उत्सव एवं शस्त्रपूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर बतौर प्रमुख वक्ता मुकुल कानिटकर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. इस समय प्रमुख अतिथि के तौर पर शाश्वत कंसेप्ट स्कूल के संस्थापक अतूल गायगोले, विदर्भ सरसंघ चालक चंद्रशेखर राठी व महानगर संघ चालक सुनील सरोदे मंचासीन थे. अपने संबोधन में मुकुल कानिटकर ने 96 वे वर्ष पूर्व दशहरे के दिन स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के मूल उद्देशों को विषद करते हुए कहा कि, आज संघ विश्व का सबसे बडा संगठन है और संघशक्ति को जानने के लिए कई छात्र शोध प्रबंध भी कर रहे है. संघ को एक ध्येय-एक भाषा व एक स्वप्न के लिए समर्पित संगठन बताते हुए उन्होंने कहा कि, आज संघ केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में अपनी उपस्थिति रखता है तथा सभी देशों में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा विजयादशमी का उत्सव मनाया जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि, इस समय यूग निर्माण का संधीकाल चल रहा है और भारत समूचे विश्व का मार्गदर्शन करने हेतू पूरी तरह से तैयार है. ऐसे में नवनिर्माण के साथ-साथ पुननिर्माण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि, वह रोजाना कम से कम एक घंटे का समय संघ की दैनिक शाखा के लिए दे. साथ ही प्रत्येक व्यक्ति कम से कम 11 लोगों को संघ के साथ जोडने का प्रयास करे. इस जरिये हर व्यक्ति अपने घर में भारतीय संस्कृति को जीवित रख सकेगा.
इस अवसर पर शाश्वत कंसेप्ट स्कूल के संस्थापक अतूल गायगोले ने कहा कि, मौजूदा दौर में यह बेहद जरूरी हो चला है कि, शिक्षा के क्षेत्र में इकॉलॉजी व टेक्नॉलॉजी का समन्वय बनाया जा सके. साथ ही पुरातन शिक्षा पध्दति के महत्व को समझना भी जरूरी है, क्योंकि आज हम शिक्षा के माध्यम से कुछ ऐसी बातों के गुलाम होते जा रहे है, जिनका हमारे जीवन में कोई महत्व ही नहीं है. अत: वैचारिक गुलामी के इस कुचक्र को तोडना बेहद जरूरी हो चला है. इस आयोजन की शुरूआत सांघिक गीत से हुई. पश्चात व्यक्तिगत गीत अमृत वचन एवं शस्त्रपूजन का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में संचालन नगर कार्यवाह श्याम निलकरी द्वारा किया गया.

आठ स्थानों पर हुआ उत्सव का आयोजन

उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए महानगर क्षेत्र में शामिल आठ नगर क्षेत्रों में अलग-अलग विजयादशमी व शस्त्रपूजन का कार्यक्रम आयोजीत किया गया. वहीं मुख्य आयोजन व्यंकटेश लॉन के परिणयबंध लॉन पर आयोजीत हुआ. जिसके साथ सभी नगर उत्सवों को ऑनलाईन तरीके से जोडा गया. इसके तहत बडनेरा नगर क्षेत्र हेतु सिपना कॉलेज, सोमेश्वर नगर क्षेत्र हेतु हरिभाउ कलोती स्मारक (बुधवारा), छत्रपति शिवाजी नगर क्षेत्र हेतु साहु बाग (मसानगंज), संत गाडगेबाबा नगर क्षेत्र हेतु राजवाडा मंगल कार्यालय (देशमुख लॉन), तपोवन नगर क्षेत्र हेतु अंध विद्यालय (वडाली रोड), अंबिका नगर क्षेत्र हेतु नरसम्मा कॉलेज (किरण नगर), इंद्रायनी नगर क्षेत्र हेतु मनोर मांगल्य मंगल कार्यालय (पुराना बायपास) तथा बालाजी नगर क्षेत्र हेतु परिणयबंध लॉन में विजयादशमी उत्सव व शस्त्रपूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

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