अमरावती

राशन का चावल दो और ज्वारी या पैसे लो!

गांव-गांव में चल रहा एक अलग ही फंडा

* खुले बाजार में हो रही सरकारी चावल की खुली विक्री
* मुफ्त में मिलने वाले चावल को बेच रहे लाभार्थी
अमरावती/दि.12 – सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत एपीएल, बीपीएल व प्राधान्य कुटुंब राशन कार्ड धारकों को प्रतिमाह सरकारी राशन दुकानों से गेहूं और चावल का वितरण किया जाता है. जिससे पहले गेहूं 2 रुपए प्रति किलो तथा चावल 3 रुपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया जाता था. वहीं कोविड व लॉकडाउन काल के बाद आर्थिक रुप से पिछडे रहने वाले परिवारों को मुफ्त में भी राशन दिया जाता है. परंतु सरकारी राशन के तहत मिलने वाला चावल काफी मोटा होता और उसकी गुणवत्ता भी अच्छी नहीं होती. ऐसे में कई लाभार्थी सरकारी राशन दुकान से मुफ्त चावल प्राप्त करने के बाद उसे बेच देते है. जिसके बदले उन्हें चावल के वजन से आधी ज्वार या बाजरी मिलती है, या फिर चावल के लिए 10 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से पैसे मिलते है.
बता दें कि, जिले मेें 6 लाख से अधिक राशन कार्ड है. जिसमें से 1.25 लाख अंत्योदय व 3.43 लाख प्राधान्य कुुटुंब राशन कार्ड धारकों को सस्ती दरों पर राशन मिलता है. साथ ही कोविड काल के समय से मुफ्त में गहूं और चावल भी दिया जाता है. सरकार द्बारा आर्थिक रुप से कमजोर रहने वाले लोगों को भुखमरी से बचाने हेतु नि:शुल्क अनाज वितरण शुरु की गई थी. लेकिन कई लोगों ने इसे भी अपना व्यवसाय बना लिया. इन दिनों गांव-गांव में कई लोग वाहन लेकर पहुंचते है और राशन दुकानों से लिया गया चावल लाभार्थियों के जरिए खरीदते है. इस चावल के बदले में चावल के वजन से आधी ज्वारी या बाजरी दी जाती है और कभी-कभी 10 रुपए प्रति किलो की दर से नगद भुगतान भी किया जाता है. चूंकि कई लाभार्थी परिवारों में परिवार की जरुरत से अधिक सरकारी राशन आ जाता है. ऐसे में इसे फेंकने की बजाय उसे फेरीवालों को लाभार्थियों द्बारा बेच दिया जाता है. यह फंडा इन दिनों लगभग सभी गांवों में चल रहा है. लेकिन बावजूद इसे आपूर्ति विभाग एवं जिला प्रशासन द्बारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा.
* किसे कितना मिलता है चावल
अंत्योदर राशन कार्ड धारक को प्रतिमाह 35 किलो सरकारी राशन दिया जाता है. जिसमें 20 किलो चावल व 15 किलो गेहूं का समावेश रहता है. साथ ही यूनिट के अनुसार भी धान्य दिया जाता है. इसके अलावा प्राधान्य गट वाले राशन कार्ड धारकों को प्रति सदस्य 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं दिया जाता है.
* राशन के चावल की 10 से 12 रुपए प्रति किलो के दाम पर कालाबाजारी
ग्रामीण क्षेत्रों में गांव के ही कुछ अनाज विक्रेताओं अथवा बाहर गांव के फेरीवालों द्बारा राशन के चावल को 10 से 12 रुपए प्रति किलो के दाम पर खरीदा जाता है अथवा इस चावल के बदले उसके वजन से आधी ज्वारी या बाजरी दी जाती है. ऐसे विक्रेता व फेरीवाले इन दिनों जिले के लगभग सभी तहसील क्षेत्रों में सक्रिय है.

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