अमरावती – कोरोना की वजह से स्कूल बंद है. जिसके कारण उनका कामकाज ठप्प पडा है. ऐसी स्थिति में परिवार के भरनपोषण की समस्या से वे जुझ रहे है. इस बात को गंभीरता से लेते हुए फायनान्स कंपनी व्दारा उठाये गए वाहनों की किश्त को कोरोना की स्थिति सामान्य होने तक न भरने की राहत दी जाए, ऐसी मांग को लेकर भगवे वादल महाराष्ट्र राज्य चालक, मालक, विद्यार्थी यातायात संगठना ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.
सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि वे काफी लंबे अरसे से फायनान्स कंपनी के ग्राहक है. प्रति स्कूल बस धारक की ओर से लाखों रुपए ब्याज के रुप में रकम अदा की जाती है. फिलहाल कोविड १९ के कारण आर्थिक स्थिति डगमगा गई है. स्कूल व्यवसाय साल में १० माह चलता है. मगर इस वर्ष स्कूल आठ महीनों से बंद है. उनकी पूरी तरह से वसूली नहीं हुई, ऐसी स्थिति में पालकगण रुपए देने से कतरा रहे है. उनके परिवार पर भूखे मरने की नौबत आयी है और यह स्थिति कितने दिन रहेंगी, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, इसलिए स्कूल पहले की तरह सामान्य होने ते फायनान्स कंपनी व्दारा किसी भी तरह की किश्त न मांगी जाए, किश्त के लिए घर न आये, फोन न करे, किसी तरह परेशान न किया जाए, नियमित स्कूल शुरू होने के बाद पूरी किश्त भरी जाएगी, ऐसी मांग करते समय संगठना के राज्य अध्यक्ष अतुल खोंड, रणजीत शेठे, दिपक रोंघे, नयन ठाकुर, गजानन कडू, नितीश वानखडे, प्रवीण पांडोवो, महेंद्र वानखडे, प्रवीण पोकडे, उमेश पोकडे, सागर सवई, सुमित मेठे, प्रवीण गिरी आदि उपस्थित थे.