अमरावती

राज्य के किसानों को ट्री क्रेडिट, काऊ क्रेडिट दें

पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे की मांग

अमरावती/दि.17 – गोवंश यह खेती व्यवस्था की रीढ़ है तो वृक्ष कुल खेती व्यवस्था व पर्यावरण को बनाए रखने के लिए आवश्यक है. इसलिए केंद्र सरकार के किसान सम्मान योजना की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य के किसानों के लिए ट्री क्रेडिट व काऊ क्रेडीट योजना शुरु करनी चाहिए, ऐसी मांग राज्य के पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने की है.
महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना काल में किसानों को किसी भी प्रकार की मदद नहीं की. गुजरात सरकार ने देसी गाय का पालन करनेवाले किसानों को 10,800 रुपए वर्ष के यानि 900 रुपए महीना शुरु किया है. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने गाय के लिए अनुदान शुर किया है. विश्व पर्यावरण संगठना व्दारा वृक्ष संवर्धन का लाभ देने बाबत सिफारिश की है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर के 13 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के प्रति वर्ष 6 हजार रुपए देकर मदद की है. इसी तर्ज पर महाराष्ट्र शासन ने ट्री क्रेडीट व काऊ क्रेडीट शुरु कर किसानों व गोपालों को करीबन 12 हजार रुपए मदद की जाये, यह मांग भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने की है.
9 अगस्त यानि क्रांति दिन, इस दिन किसानों के जीवन में क्रांति लाने वाले घटना घटी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12.30 बजे एक बटन दिल्ली से दबाया और 9.50 करोड़ किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपए जमा हुए. इसके साथ ही वृक्षारोपण, वृक्ष संवर्धन आदि के लिए ट्री क्रेडिट योजना शुरु करना आवश्यक है. इसलिए किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की तरह ही ट्री क्रेडिट व ग्रामपंचायत नगर पंचायत नगरपालिका को भी ट्री क्रेडिट देना आवश्यक है. वहीं रासायनिक खाद से जमीन की उत्पादकता कम हुई है, जमीन की उत्पादकता सिर्फ सेंद्रीय पद्धति से गोबर खाद, कंपोस्ट खाद, गेंडूर खाद, जिवाणू खाद इन माध्यमों से बढ़ाई जा सकती है. भारत सरकार ने गोवंश हत्या बंदी कानून भी किया है. गाय का गोबर अनेक जीवाणू का आश्रय स्थान है और इसीलिए जमीन का कर्ब बढ़ाया जाता है. इसलिए ही उत्पादकता बढ़ाने के लिए गोवंश का पालन और गोबर खाद, सेंद्रीय खाद, कंपोस्ट खाद, जिवाणू खाद का इस्तेमाल करना आवश्यक है. इसी कारण किसानों या गोपालकों को उसी तरह गोरक्षण संस्थाओं को काऊ क्रेडीट देना अत्यावश्यक होकर राज्य सरकार व्दारा इस दोनों बातों की पूर्ती करने की मांग डॉ. बोंडे ने की है.

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