अमरावती

समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देना हिंदू सभ्यता एवं संस्कृति पर आघात

जगद्गुरु रामराजेश्वराचार्य का कथन

दर्शन उत्सव में रखे विचार
अमरावती/दि. ३- समलैंगिक विवाह को कानूनी तौर से मान्यता देना हिंदू सभ्यता एवं संस्कृति पर आघात है. इसे हिंदू समाज कभी सामाजिक मान्यता नहीं देगा, यह बात श्रीमद् जगद्गुरु स्वामी रामराजेश्वराचार्य माऊली सरकार ने कही. कारंजा घाडगे में आयोजित दर्शन उत्सव में श्रीमद् जगद्गुरु राजेश्वर माऊली ने उपस्थित भक्तो को इस अनमोल मनुष्य जीवन को जीने की अनोखी परंपरा को उजागर करते हुए मुक्ती का अर्थ बताया. मुक्ति अर्थ केवल मरणोपरान्त मुक्ति तक सीमित न होने की बात कही.श्रीमद् जगद्गुरुजी अखिल भारतीय संत समिति के संरक्षक पद पर विद्यमान होकर संपूर्ण भारतवर्ष में धर्माचरण के साथ साथ सामाजिक आचरण का संदेश समाज को देते हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में धर्म सभाओं एवं संत सम्मेलनो में इस मुद्दे की गूंज जगह जगह सुनाई देंगी इसमे कोई दो राय नहीं हैं. स्वामी जी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि, प्राप्त मनुष्य जीवन को बेहतर तरीके से जीने के लिये अज्ञान, असामाजिकता, कलाहिनता से और भाग्य-प्रारब्ध से मुक्ति मिलना जरूरी है और इनसे मुक्ती पाने के लिए ज्ञान, सामाजिकता, कौशल्य और उद्योग को प्राप्त करना जरूरी है, इसके साथ साथ निर्वाणस्तंभ का आचरण करते समय हम असत्य से मुक्ती पाकर शाश्वत सत्य की प्राप्ती कर हमारा जीवन उज्ज्वल बनाये तभी हमारा जीवन सार्थक होगा. इसलिए पंचस्तंभ को अपनाकर आचरण करने का आह्वान स्वामी जी ने किया.
आज के युवाओं द्वारा अप्रासंगिक एवम् हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता को भुलकर पश्चिमी गीतों में प्रवाहित होने से चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, कानुनी तौर से समलैंगिक विवाह को मान्यता देना भारतीय सभ्यता एवम् संस्कृति पर कुटघात है. इस साधुसंत समाज कभी भी मान्यता नही देगा. इसलिए शासन स्तर से इसका विरोध होन ेकी आवश्यकता सामने रखी.
शोभायात्रा से परिसर हुआ भक्तिमय
दर्शन उत्सव दौरान निकाली गई शोभायात्रा से संपूर्ण परिसर भक्तिमय हो गया. शोभायात्रा के दौरान सैकड़ों की संख्या में भक्त घंटों तक भक्ति रस में झूमते रहे, उसी अपार भक्तिभाव और भजनों का हीं नातिजा हैं की जयस्तंभ चौक, जूना आठवड़ी बाजार का पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया. हर प्रसंग यहां अभूतपूर्व था. श्री छत्रपति शिवाजी महाराज की वेशभूषा धारण किए जहां बालक घोड़े पर विराजमान था, तो दूसरे तरफ राधा कृष्ण झांकी सब भक्तों को आकर्षित कर रही थी. विभिन्न देवी देवताओं की वेशभूषा ने सभी का ध्यान आकर्षित किया. सैकड़ों बच्चों ने लेजिम का प्रात्यक्षित प्रस्तुत किया. श्रीमद् जगद्गुरु रामानन्दाचार्य श्री राजेश्वर माऊली के एक दशक के बाद कारंजा घाड़गे में हुये दर्शन समारोह का एवं उनके कारंजा भूमि में आगमन के सम्मान में यह भव्य शोभायात्रा निकाली गई.
जगराता कार्यक्रम ने बांधा समा
भव्य शोभायात्रा के पश्चात कार्यक्रम में जगराता गायक और संगीतकार जितेंद्र पाखरे ने जोश के साथ सभी भक्तों का समा बांधा. सभी ने इस शानदार आयोजन की सराहना की. कार्यक्रमों का आयोजन सीताराम मंडन के अध्यक्ष मनीष घाटोले, कोषाध्यक्ष पण्डितजी मल्लेवार, सचिव चरण काले, प्रतिनिधि प्रमुख उमेश पाटमासे, उप प्रतिनिधि प्रमुख भूषण काचोरे, मुख्य कार्यकर्ता सुरेश चोपड़े, राजेश डिग्रेसे, राठीजी एवं मंडल के सेकड़ों कार्यकर्ताओं के द़ृढ़ संकल्प से सफल हुआ.

* इनकी रही उपस्थिति
कार्यक्रम मेंं प्रमुख अतिथि के रूप में आर्वी के विधायक दादराव केचे, और पूर्व विधायक अमर काले प्रमुखता से उपस्थित थे. इस अवसर पर नगराध्यक्ष स्वातिताई बेलकर, समाजसेवक राहुल ठाकरे और पंचक्रोशी से भक्तगणों ने कार्यक्रम में बडी संख्या में उपस्थिति दर्शाई.

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