अमरावती

धर्म की स्थापना एवं रक्षा हेतु भगवान लेते हैं अवतार

संंत श्री डॉ. संतोष महाराज के विचार

अमरावती/दि.07– स्थानीय बडनेरा रोड स्थित महेश भवन में चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन पर कथा व्यास परम पूज्य सतगुरू संत श्री डॉ. संतोष देव जी महाराज ने अपनी मधुर वाणी में बताया कि भगवान अवतार धारण करते है. जब धर्म की हानि होती है, अधर्म बढता है एवं धर्म की स्थापना के लिए और इन्हीं कारणों से कभी -कभी भगवान श्री नारायण पशु देह आते है, वराह अवतार आदि में कभी-कभी पंछी शरीर में हंस अवतार आदि बनकर, कभी- कभी रेंगते हुए जीवों के शरीर में विचित्र रूप भी धारण करके जैसे मच्छ अवतार आदि बनकर, कभी- कभी विचित्र रूप भी धारण करते हे जैसे नरसिंह आदि, कभी-कभी पूर्ण अवतार भी धारण करते है जैसे भगवान राम और कृष्णा रूप में पधारते है. बस आवश्यकता है उनकी शरणागति में जाने की, उनको बुलाने की, जैसे पुंडलिक नाम के भक्ति के भाव को देखकर भगवान विठ्ठल के रूप में प्रकट हुए थे, इसलिए जब भी जीवन में दुख आए तो संसार वालों से एक सीमा तक आशा रखकर गुरू और गोविंद को जब भी पुकारेंगे, हमारी रक्षा जरूर होगी. वैसे ही जब सुख की अभिलाशा हो, कोई मनोकामना हो तो भी ठाकुर जी की शरण में जाना चाहिए , इसी में समझदारी है और जो चाहता है मुझे मोक्ष मिले तो उसको भागवत की कथा सुनकर उसे अनुसार आचरण करके, त्याग, वैराग्य को बढाकर अपने आप को ठाकुर जी को समर्पित करते हुए सच्चे रसिक के जैसा जीवन जीएं तो उनकी यह इच्छा जरूर पूर्ण होगी और आनेवाले वंशेजों और पितरों का भी उध्दार होगा.

इस अवसर पर भगवान वामन देव, भगवान सीताराम और हनुमान की झांकिया प्रस्तुत की गई, साथ- साथ मेंं वासुदेव जी ठाकुर जी को टोकरी में लेकर आए और नंद उत्सव की झांकया भी प्रस्तुत की गई. जिसका कथा प्रेमियों ने खुब लाभ प्राप्त किया. इस अवसर पर तुषार भारतीय, दिलीपभाई पोपट, अमृतभाई पटेल, श्रीमती सुरेखाताई लुंगारे, बादल कुलकर्णी, प्रणीत सोनी, किरीटभाई आडतिया, गोविंद पटेल, श्रीमती राधाबेन राजा, हेतल हिंडोचा, छायाबेन राजा, श्रीमती आकाश शिरभाते, श्रीमती आडतिया, रेखाताई भूतडा, लप्पीभैया, पी.टी. पाटिल नवरत्न सोमानी, अनुराग, अनिल तरडेजा, सुनील सोमवंशी, श्याम बाबा, बलदेव बजाज, विजय हरवानी, निश्चित अविनाश पहुरकर, ईशान गोंद, कैलाश पुंशी, श्यामलाल खत्री, मोहनलाल मंधान, अमरलाल बख्तार, सुदर्शन मत्तानी, सुखदेव तलरेजा, जगदीश घुंडियाल, अशोक बत्रा, अनिल तेजवानी, किशोर तलरेजा, तुलसी सेतिया, भाई गणेश राम, भाई हरनाम दास, चंद्रलाल महाराज शर्जा आदि कई कथा प्रेमी उपस्थित थे. कथा का लाभ उठाकर महाराज श्री जी का आशीर्वाद भी प्राप्त किया . शिवधारा परिवार ने सबका आभार व्यक्त किया एवं विशेष अतिथियों का शाल व राधाकृष्ण की मूर्ति देकर सत्कार किया.

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