अमरावती

प्रभु तो ना भूखे हैं पूजा के, न पदार्थों के, प्रभु भूखे है हमारे प्रेमभाव के

महेश भवन में चल रही भागवत महापुराण महाकथा में पूज्य संत डॉ. संतोष महाराज का कथन

अमरावती/दि.07– शिवधारा मिशन फाउंडेशन की ओर से चल रही पित्र उधार हेतु एवं अपने आत्म कल्याण हेतु चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के पंचम दिवस पर बडनेरा रोड स्थित महेश भवन में कथा व्यास परम पूज्य संत श्री डॉ.संतोष देव जी महाराज जी ने अपनी मधुर वाणी में फरमाया, कि परमात्मा तो भूखे हैं हमारे प्रेम भाव के हम समझते हैं उनको केवल हमारी पूजा या पदार्थ की जरूरत है और विशेष तौर पर 16 कला संपूर्ण भगवान श्री कृष्ण चंद्र तो प्रेमाभक्ति के अवतार है.
परम पूज्य संत डॉ. संतोष देवजी महाराज ने उदाहरण देते हुए फरमाया कि पुतना छाती पर विश लगाकर आई तो ठाकुर जी को मारने के भाव से थी. परंतु ठाकुर जी ने उनके दुग्धपान के साथ-साथ उनके प्राण भी हर लिए बाद में सभी ने देखा कि उनके शरीर से सुगंध आ रही है उसके पीछे माना जाता है कि जब भगवान वामन रूप में पधारे थे. राजा बलि से दान मांगने जब गए थे, तो उनकी बेटी ने वामन भगवान को देखकर ममत्व भाव अंदर में जगा था. उसके फल रूप में जब वह दूसरे जन्म में पुतना बनकर आई, तब भगवान ने उनका दुग्ध पान किया. मतलब अपनी मां का दर्जा दिया था, परिणाम था जो पिछले जन्म में उन्होंने भगवान के लिए हृदय में ममता रखी थी. हमारे लिए भी यही सीख है कि अपने इष्ट देव एवं गुरुदेव के लिए प्रेम भरा भाव बनाए रखें और बढ़ाते रहें.
उदाहरण दूसरा नामदेव जी महाराज ब्रह्म मुहूर्त में जब विट्ठल विट्ठल कहते आगे बढ़ रहे थे, पड़ोसियों में से किसी की नींद खराब हो गई, वह बाहर आए उन्होंने नामदेव को कहा कि जिस विट्ठल को तू याद कर रहा है,वह इस समय शमशान घाट में है, क्योंकि उसकी भावना मलीन थी, वहां प्रेतो का वास है, नामदेव को मार डालेंगे, आगे से मेरी नींद में खलल नहीं आएगा और सच में हुआ भी वैसा, प्रेत नामदेव के सामने आए मारने हेतु, लेकिन संत नामदेव जी महाराज का प्रेम भरा ऊंचा भाव उसी प्रेत को निवेदन किया कि आप तो मेरे विट्ठल्ल हो, इस रूप में मुझे दर्शन देने आए हो, भगवान प्रगटे, भगवान ने कहा कि नामदेव यहां भी नहीं छोड़ोगे, नामदेव महाराज ने कहा प्रभु आप कण-कण में वास करते हो,तो यह प्रेत भी तो आपका ही रूप है, यह परिणाम था प्रेमाभक्ति का और हमारे लिए भी यही सिखशा है, प्रेम भक्ति को बढ़ते जाएं, ठाकुर जी हमें अपने निकट करते जाएंगे.
इस अवसर पर एड. अशोक जैन, बिजीलैंड के अध्यक्ष संतोष सबलानी व संपूर्ण कार्यकारिणी, एड. वासुदेव नवलानी, मालू मैडम, सतवानदास हरवानी, हरीश आडवानी, राजू आडवानी, प्रशांत जाधव, सुदर्शन मतानी, माहेश्वरी महिला मंडल, ओमप्रकाश प्रत्याशी, डॉ रोशन चांदवानी, अर्जुन चांदवानी, गणेशा राम, गोवर्धनदास कारंजा, आशीष केवलरामानी बल्लारशाह, डॉ. श्रीराम कुलकर्णी लातूर, मनोहर अरोड़ा अकोला, अनील तरडेजा, कैलाश पुंशी, बलदेव बजाज, अनिल आडवानी, विजय हरवानी, दीपक दादलानी, मानिक लुला, संतोष नाथानी आदि उपस्थित थे. राधा कृष्ण भगवान शिव, यशोदा मैया एवं ठाकुर जी की लीला की झांकी का भी भक्तों ने खूब लाभ उठाया एवं गोवर्धन पूजा का भी भक्तों ने पूजा करके पुण्य प्राप्त किया. विशेष अतिथियों का महाराज श्री द्वारा शाल व राधाकृष्ण की मूर्ति देकर स्वागत व आशीर्वाद प्रदान किया गया और सभी भक्तों में रुद्राक्ष बांटा गया.

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इसका लाभ लेने का आवाहन शिवधारा मिशन फाउंडेशन कर रहा है.

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