गोल्डन फाईबर के कामगारों को कैंटींग के चावल से ही विषबाधा
अनाज नमूने के रिपोर्ट की जानकारी स्वास्थ विभाग को मिली

* कंपनी की कैंटींग संबंधी जिम्मेदारी पर कार्रवाई के निर्देश
अमरावती /दि. 18– नांदगांव पेठ एमआईडीसी की गोल्डन फाईबर कंपनी के सैकडों कामगारों को रविवार को एक साथ उलटी और पेटदर्द की परेशानी शुरु हो गई थी. यह विषबाधा किस कारण हुई इस बाबत स्वास्थ विभाग की जांच शुरु थी. इस कंपनी की कैंटींग के चावल खाने से कामगारों को यह विषबाधा होने की जानकारी अनाज नमूने की रिपोर्ट से शुक्रवार 17 जनवरी को स्वास्थ विभाग के सामने आई है. इस कारण कंपनी के कैंटींग में कामगारों को कमजोर दर्जे के खाद्यपदार्थ खाने के लिए दिए जाते थे. यह बात सामने आई है.
गोल्डन फाईबर कंपनी के 70 से अधिक मरीजों को 12 जनवरी को इर्विन में उपचार के लिए भर्ती किया गया था. कुछ कामगारों को मामूली लक्षण रहने के कारण उन्होंने निजी अस्पताल में उपचार किया. कुल मिलाकर 100 से अधिक मरीजों को यह विषबाधा होने की जानकारी सामने आई थी. कामगारो को विषबाधा पेयजल से होने का प्राथमिक अनुमान दर्शाया जा रहा था. लेकिन गुरुवार को जल नमूने की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है. यह जल पिने के लायक रहने की बात भी सामने आई है. नमूनो की रिपोर्ट की तरफ ध्यान लगा हुआ था. शासकीय प्रयोगशाला में शुक्रवार को जिला स्वास्थ अधिकारी को अनाज नमूने की रिपोर्ट बाबत जानकारी दी है. चावल से विषबाधा होने की बात कही जा रही है. कंपनी के कामगारों को रविवार को सुबह से ही तकलीफ होने की शुरुआत हुई थी. इस कारण कामगारों ने शनिवार को कंपनी के कैंटींग में जो खाद्यपदार्थ खाए होगे, उसी से विषबाधा होने के निष्कर्ष तक स्वास्थ यंत्रणा अब पहुंची है. इस आधार पर कंपनी की कैंटींग का खाद्यपदार्थ दर्जेदार नहीं था ऐसा कहा जाता है. इस पृष्ठभूमि पर शुक्रवार को जिलाधिकारी सौरभ कटियार ने संबंधित अधिकारी व कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक ली. इस बैठक में यह बात स्पष्ट की है. कंपनी की कैंटींग संबंधी जिम्मेदारी पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है. इस बैठक में गोल्डन फाईबर कंपनी की तरफ से प्रेसिडेंट बी. एन. प्रसाद उपस्थित थे. इसके अलावा अन्न व औषधि प्रशासन, स्वास्थ विभाग, कामगार विभाग और अन्य संबंधित विभाग के आधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे.
* कामगारों ने कैंटींग में पुरी-सब्जी और चावल खाए
कामगारों को हुई विषबाधा यह चावल से होने की पूरी संभावना दर्शायी जा रही है. वैसी जानकारी प्रयोगशाला की तरफ से स्वास्थ विभाग को दी गई है. कंपनी की कैंटींग में कामगारों ने चावल और पुरी-सब्जी शनिवार को खाई रहने की जानकारी मिली है.
* अनाज से हुई विषबाधा
गोल्डन फाईबर कंपनी के कामगारों को विषबाधा अनाज से होने की जानकारी शुक्रवार को सामने आई है. हमारे दल ने रविवार को ही कंपनी की कैंटींग से कामगारों के लिए तैयार किए खाद्य पदार्थ के नमूने जांच के लिए भेजे थे. उस नमूनो की जांच में यह विषबाधा चावल से होने की बात सामने आई है.
– डॉ. सुरेश आसोले, डीएचओ.
* कंपनी की कैंटींग का व्यवस्थापन कंपनी के पास ही
गोल्डन फाईबर कंपनी की कैंटींग कंपनी ने किसी को चलाने के लिए नहीं दी है. कंपनी के पास ही व्यवस्थापन है. जिलाधिकारी द्वारा ली गई बैठक में हम उपस्थित थे.
– बी. एन. प्रसाद, प्रेसिडेंट, गोल्डन फाईबर कंपनी.